बहारी दलाल करा रहे अल्ट्रा साउंड सेंटरों पर नोटों की बारिश

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बहारी दलाल करा रहे अल्ट्रा साउंड सेंटरों पर नोटों की बारिश

लिंग टेस्ट: अब तक चवालिस साउंड सेंटर संचालकों को भेजा जा चुका है जेल

-स्वास्थ्य विभाग की सख्ती के चलते बदल दिया है धंधा करने का पूरा का पूरा तरीका

शेखर शर्मा

मेरठ। हरियाणा तथा अन्य राज्यों के दलाल यानि आउटर मेरठ के अल्ट्रा साउंड सेंटरों पर नोटों की बारिश करा रहे हैं। हालांकि साल साल 2021 से अब तक लिंग परीक्षण के काले धंधे में लगे 44 किरदारों को जेल भेजा जा चुका है। इन दिनों स्वास्थ्य विभाग ने एक बार फिर से लिंग परीक्षण करने वाले अल्ट्रा साउंड सेंटरों पर शिकंजा कसने का काम किया है। इन 44 में सिर्फ एक ही नाम ऐसा है डा. मनीषा रस्तौगी का जो बाकायदा रजिस्टर्ड एमबीबीएस डाक्टर हैं। किसी रजिस्टर्ड एमबीबीएस डाक्टर के इस धंधे में पाए जाने से स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी भी खासे चिंतित इसलिए हैं क्योंकि यह एक बेहद गलत और गंभीर तथा डाक्टरी जैसे पेशे से जुड़े लोगों के लिए शर्मसार करने वाली शुरूआत है। लेकिन इस पूरे मामले को जाे सबसे गंभीर पहलू है वो यह कि लिंग परीक्षा के शर्मसार करने वाले धंधे में लगे लोगों ने मेरठ में स्वास्थ्य विभाग की सख्ती के बाद अब अपने कनेक्शन हरियाणा, दिल्ली राजस्थान व मेरठ से बाहरी दलालों से बना लिए हैं। कुछ दिन पहले कचहरी स्थित प्रखर अल्ट्रा साउंड सेंटर और एक दिन पहले दौराला क्षेत्र के अल्ट्रा साउंड सेंटर पर स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई के लिंग परीक्षण करने वालों के काम करने के तरीके या कहें स्वास्थ्य विभाग की नजरों से खुद को बचाए रखने की नाकाम काेशिश को बेपर्दा कर दिया है। लिंग परीक्षण करने वालों के खिलाफ मेरठ में साल 2021 दिसंबर माह से ही पारी की शुरूआत करने वाले एसीएमओ व नोडल अफसर डा. प्रवीण गौतम ने सनसनी खेज खुलासा इसको लेकर किया है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की सख्ती के चलते लिंग परीक्षण करने वालों ने मेरठ के दलालों से हाथ छूडाकर दूसरे राज्यों के दलालों से हाथ मिला लिया है। इसमें हरियाणा सबसे आगे हैं। बहारी दलालों से हाथ मिलाने के लिंग परीक्षण करने वालों को दो फायदे हुए पहला तो यह कि मेरठ में स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई से काफी हद तक बचाने में कामयाब रहे थे, हालांकि यह बात अलग है कि स्वास्थ्य विभाग ने अब इनकी ये बदमाशियां पकड़ ली हैं और अपने काम करने की तरीके को लेकर भी रणनीति बदल दी है। जिसका नतीजा भी सामने हैं। वहीं दूसरी ओर लिंग परीक्षण करने वालों को यूपी से बाहर के दलालों से हाथ मिलाने का यह फायदा हुआ कि उन पर अब धन वर्षा होने लगी है। मेरठी दलालों के थ्रू पहले जिस लिंग परीक्षण में उन्हें आठ से दस हजार तक मिलते थे, वहीं दूसरी ओर हरियाणा के दलालों के थ्रू उसी काम यानि लिंग परीक्षण के उन्हें चालिस से पचास हजार तक मिल जाते हैं और उनका खतरा भी पहले से कम हुआ है। एक बात जो सबसे डराने वाली है वो यह कि अब तक इस धंधे में केवल झोलाछाप ही थे, लेकिन स्वास्थ्य विभाग में रजिस्टर्ड कोई डाक्टर वो भी महिला डाक्टर पहली बार जेल भेजी गयी है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की मानें तो अब तक लिंग परीक्षण करने वाले 44 को जेल भेजा जा चुका है।

वर्जन

मेरठ में स्वास्थ्य विभाग लिंग परीक्षण करने वालों पर लगातार कार्रवाई कर रहा है। स्वास्थ्य विभाग की सख्ती के चलते ही लिंग परीक्षण के काले धंधे में शामिल लोगों ने अब बाहरी दलालों के माध्यम से काम शुरू कर दिया है। लेकिन ऐसे लोगों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग लगातार अभियान जारी रखे हैं।

-डा. प्रवीण गौतम

एसीएमओ/नोडल अधिकारी


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