16 लाख से ने भारतीय नागरिकता, नई दिल्ली: सरकार ने बीते शुक्रवार 9 दिसंबर को लोकसभा में बताया कि 2011 से अब तक 16 लाख से अधिक भारतीयों ने भारतीय नागरिकता छोड़ दी है, जिनमें 1,83,741 मामले इस साल के हैं. निवेश के लिए दूसरे देशों से भारतीयों को न्यौता देने के भारत सरकार के दावे में कितनी जान है इस बात का खुलासा सरकार की ओर से पेश किए गए आंकड़ों से हो गया है. जब भारतीय ही भारतीय नागरिकता छोड़ रहे हैं तो फिर विदेशियों को किस बूते निवेश के लिए आमंत्रित किया जा सकता है. यह एक बड़ा सवाल जरूर है जो पूछा भी जाना चाहिए. समाचार एजेंसी पीटीआई की खबर के मुताबिक, विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि साल 2015 में अपनी भारतीय नागरिकता छोड़ने वाले भारतीयों की संख्या 1,31,489 थी, जबकि 2016 में 1,41,603 और 2017 में 1,33,049 लोगों ने इसे छोड़ा था. साल 2018 में यह संख्या 1,34,561 थी, जबकि साल 2019 में 1,44,017, 2020 में 85,256 और 2021 में 1,63,370 लोगों ने अपनी नागरिकता छोड़ी थी. उन्होंने कहा कि इस साल 31 अक्टूबर तक 1,83,741 लोगों ने भारतीय नागरिकता छोड़ दी है. संदर्भ के लिए, उन्होंने बताया कि 2011 में 1,22,819 लोगों ने भारतीय नागरिकता को छोड़ा था. 2012 में यह आंकड़ा 1,20,923 था. वहीं, 2013 में 1,31,405 और 2014 में 1,29,328 भारतीयों ने भारतीय नागरिकता त्याग दी थी. 2011 के बाद से भारतीय नागरिकता छोड़ने वाले भारतीयों की कुल संख्या 16,21,561 है. विदेश राज्य मंत्री ने यह भी बताया कि भारतीय नागरिकता लेने वाले (बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के नागरिकों को छोड़कर) विदेशी नागरिकों की संख्या 2015 में 93, 2016 में 153, 2017 में 175, 2018 में 129, 2019 में 113, 2020 में 27, 2021 में 42 और 2022 में 60 थी.