गुड़गांव पहुंचने पर डा. नौसरान का स्वागत, अंतरराष्ट्रीय शोर जागरूकता दिवस के उपलक्ष में आई एम ए गुड़गांव के आमंत्रण पर वरिष्ठ चिकित्सक डॉ अनिल नौसरान आज सुबह 1:00 बजे मेरठ से चलकर 5:45 बजे गुड़गांव पहुंचे। और वहां पर आई एम ए गुड़गांव द्वारा आयोजित प्रोग्राम में भाग लिया। इस यात्रा का उद्देश्य आम जनता को बढ़ती ध्वनि से हो रहे मानसिक रोग, हृदय रोग व बहरापन के प्रति जागरूक करना रहा है ।विगत कोरोना काल में बच्चों द्वारा ऑनलाइन क्लास के दौरान ईयर फोन के इस्तेमाल के कारण अब बच्चों में भी बहरेपन की शिकायतें बढ़ रही है। इसी को मद्देनजर रखते हुए 27 अप्रैल अंतर्राष्ट्रीय श़ोर जागरूकता दिवस पर आई एम ए गुड़गांव की सचिव डॉक्टर सारिका वर्मा द्वारा की गई पहल की प्रशंसा करते हैं। डॉ अनिल नौसरान विगत 4 वर्षों से लगातार देशभर में एड्स व स्वास्थ्य जागरूकता साइकिल यात्रा कर रहे हैं। इस मौके पर डा. नौसरान ने कहा कि दिल्ली या दिल्ली एनसीआर ही नहीं पूरे मुल्क में शोर बढ़ता जा रहा है। दुनिया भर में शोर एक बीमारी या कहें वायरस बनता जा रहा है। यह एक ऐसा वायरस है जो खुद आधुनिकता व विकास की दौड़ में खुद हमने ही इजाद किया है। उन्होंने कहा कि अब यह बेइंताह खतरनाक किस्म का हो गया है। खासतौर से बच्चों की यदि बात की जाए तो उनमें इसकी वजह से बहरेपन की शिकायतें बढ़ती जा रही हैं, ये बेहद घातक हैं खासतौर से उन बच्चों के लिए जो बहरेपन की बीमारी का इलाज नहीं करा सकते। इसलिए सभी की जिम्मेदारी है कि शोर को कम किया जाए। उन्होंने इस मौके पर फिल्म स्टार मनोज कुमार की फिल्म शोर का भी जिक्र किया। डा. नौसरान ने कहा कि बच्चों की तमाम क्रियाएं बेहद संवेदनशील होती हैं। उनकी धमनियों पर जोर नहीं दिया जाना चाहिए। लेकिन हो रहा उल्टा है। लॉक डाउन के दौरान आन लाइन क्लास की वजह से बच्चों में बहरेपन की जानलेवा बीमारी बढ़ी है। यह उचित नहीं।