पटेल मंडप में मुशायरा व कवि सम्मेलन, प्रांतीय मेला नौचंदी पटेल मंडप मे मयराष्ट्र कवि सम्मेलन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलित डॉ हरिओम पंवार, जिला पंचायत अपर मुख्य अधिकारी भारती धामा ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मेरठ कैंट विधायक अमित अग्रवाल और संचालन सुमनेश सुमन ने किया। कार्यक्रम के संयोजक सुमनेश सुमन ने सभी अतिथियों को शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया। मुख्य अतिथि जिला पंचायत सदस्य पंडित भूदेव शर्मा, महानगर उपाध्यक्ष भाजपा विवेक रस्तोगी, अजय भराला रहे। सर्वप्रथम कवित्री तुषा शर्मा ने मां शारदे की वंदना की।
कुसुमाकर मेरठ ने पढ़ा
“झमाझम बरसा पानी
छम छम बरसा पानी
प्रेम के रंग में डूब के नाची
बरखा प्यारी दीवानी
डॉ सुदेश यादव जख्मी
“संभाल कर बोलना हमसे बहुत मुंहजोर हैं हम भी, बुलंदी पर खड़े हो तुम तो आता दौर हैं हम भी, डुबाने के सनम तेवर दिखाना सोच कर हमको- अगर दरिया तुम्हे कहते तो गोताखोर हैं हम भी।
सत्यपाल सत्यम
पुत्र गया है अमेरिका, पुत्री है बेंगलोर |
बूढ़े बुढ़िया पड़े हुए हैं ,बंगले में इक ओर ||
कविता मधुर मेरठ
“राह में ठोकर लगा अक्सर गिराती जिन्दगी
अनुभवों से रूबरू यूं भी कराती जिन्दगी
हार से लेकर सबक हम मंजिलो को पा सकें
इसलिये नित ही नये मंजर दिखाती जिन्दगी ।
डॉ रामगोपाल भारतीय
“मंदिर भी हमारा है,मस्जिद भी हमारी है
पर सबसे जियादा तो हमें दोस्ती प्यारी है
तकलीफ में जब मेरे,कोई पास नहीं होता
जो साथ में रोती है,वो आंख तुम्हारी है
सुल्तान सिंह सुल्तान
“बंटवारे में भी रिश्ते जरा प्यार में रखिए।
इतला तो प्रेम भाई ये व्यवहार में रखिए।
दिख जाए चेहरा भाई का दिन मे कभी कभी।
एक ऐसा झरोखा नयी दीवार में रखिए।।
वरिष्ठ कवि डॉ.ईश्वर चंद गम्भीर
“कुछ लोग तो मशग़ूल हैं दंगे फसाद मे, कुछ लोग लगे हैं कुर्सी के फेर मे, गम्भीर मेरे गांव मे तो चैन ओ अमन है, मेरी गांय बंधती है असलम के घैर में”
“प्रेम एकता समरसता का मेला है
सभी धर्मों के लोग यहाँ आते हैं
कई पटेल मंडप मे करते यहाँ कविताएं हैं
कई मज़ारो पर कव्वाली गाते हैं
सर्कस झूले खेल खिलोने बच्चे मिलकर लुत्फ उठाते हैं
घूम घूम जब थक जाते हैं
नान खताई परांठा खाते हैं
लगी कतारे चंडी मां के मंदिर मे
श्रद्धा से सब दर्शन पाते हैं
संजय जैन, नरेन्द्र, अंकुर, नासिर मेले मे सहयोग कराते हैं।
यहाँ प्रशासन मेरठ का चौकन्ना है
अनुशासन मे नही जो वो घबराते हैं
नमन तुझे मेरठ की पावन क्रांतिधरा
जन्मे जो गम्भीर यहाँ वो इतराते हैं
सुमनेश सुमन
” नया खून है नई जवानी, तेवर भी न पुराना है।
बदली है दुनिया तो भारत का भी नया तराना है।
आतंको से घबरा कर कब पीछे हटना जाना है।
राष्ट्र धर्म के हित मे सीखा हँसते हँसते जल जाना है।
देश विरोधी षड्यंत्रों के सब मंसूबे तोड़ेंगे
देशद्रोह आतंकवाद को कहीं न जिंदा छोड़ेंगे
यशपाल कोत्सायन
“कितना मुश्किल किसी आदमी के लिए , आदमी बस रहे आदमी की तरह ।
प्यार हो दिल में हर
आदमी के लिए , आदमी से मिले आदमी की तरह।।
तुषा शर्मा
“वक्त के जो साथ मुश्किल कोई टल जायेगी .
इसका मतलब नहीं
तकदीर बदल जायेगी .
सोच कर आप अगर देंगे
मुहब्बत का जवाब .
इतने अरसे में तो
दुनिया ही वदल जायेगी ..
इरशाद बेताब
“जाने कितने चेहरे बेताब देखे हैं मैने
बिन पढ़ी किताबों के बाब देखे हैं मैने
मंजिले मिलेंगी ही और मिलेंगी ताबीरे
जागती हुई आंखों से ख्वाब देखे हैं मैने
इस दौरान नौचंदी मेला संचालन समिति सदस्य सरबजीत कपूर, नरेन्द्र राष्ट्रवादी, अंकुर गोयल, नासिर सैफी, मेला इंस्पेक्टर अतुल चौधरी, उप निरीक्षक अलाउद्दीन खां उपस्थित रहे।