ताकि सभी की सांसें रहे सलामत

ताकि सभी की सांसें रहे सलामत
Share

ताकि सभी की सांसें रहे सलामत,

मेरठ/बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिए एनसीआरटीसी दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के निर्माण कार्य के अंतर्गत मेरठ में जहां-जहां निर्माण कार्य चल रहा है, वहां प्रदूषण और धूल से बचाव के उपाय किए जा रहे हैं। इसके लिए एंटी स्मॉग गन और जल छिड़काव के लिए वॉटर स्प्रिंक्लिंग लगातार किया जा रहा है। विभागीय दिशानिदेर्शों को ध्यान में रखकर शहर में सभी निर्माण कार्य बैरिकेडिंग के अंदर किए जा रहे हैं। निर्माण कार्यों के कारण कम से कम प्रदूषण हो, इसके लिए एनसीआरटीसी ने एक प्रभावी व्यापक शेड्यूल तैयार किया है, जिसका क्रियान्वयन निरंतर किया जा रहा है। बेगुमपुल, भैसाली और मेरठ सेंट्रल के भूमिगत स्टेशनो के आसपास लगातार पानी का छिड़काव किया जा रहा है। साथ ही कॉरिडॉर के साथ साथ लगातार एंटी स्मोग गन चलाये जा रहे हैं । निर्माण स्थलों पर ट्रक वॉशिंग प्लांट, वॉटर स्प्रिंकलर और एंटी-स्मॉग गन इंस्टॉल किए हैं। निर्माण कार्य से होने वाली धूल और प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल किया जा रहा है। स्प्रिंकलर और एंटी स्मॉग गन निर्माण साइटों पर एक निश्चित ऊंचाई पर लगाए गए हैं। जल छिड़काव के लिए मोबाइल वाहन भी अलग-अलग साइट पर तैनात किए गए हैं। निर्माण स्थलों के पास धूल उड़ने से रोकने के लिए सड़कों की मशीनीकृत/वैक्यूम स्वीपिंग भी किया जा रहा है। प्रदूषण से बढ़ते एक्यूआई को देखते हुए इसकी आवृत्ति तेज कर दी गई है। सामान्यत: ये कार्य रात मे किए जाते हैं ताकि ट्रेफिक की समस्या उत्पन्न ना हो। धूल उड़ने से रोकने और यात्रियों को उससे होने वाली असुविधा से बचाने के लिए दिन में कम से कम तीन बार निर्माण स्थल पर वॉटर टैंकरों से छिड़काव किया जा रहा है। इसके साथ ही निर्माण स्थलों पर मिट्टी या मलबे के ढेरों को ग्रीन नेट से ढ़ककर रखा गया है। लोगों की सहूलियत के लिए सड़कों पर बैरिकेडिंग के सहारे जमा होने वाली मिट्टी को उठाने के लिए आटोमाटिक टो-डस्टिंग मशीन का प्रयोग किया जा रहा है।
@Back Home


Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *