गडकरी जी! हाइवे के अवैध कट-हम बेबस

गडकरी जी! हाइवे के अवैध कट-हम बेबस
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गडकरी जी! हाइवे के अवैध कट-हम बेबस

मेरठ/देश के बडे हाइवे में शुमार एनएच-58 हाइवे के अवैध कट के आगे गाड़ी चालक खासतौर से वो जा बाहरी राज्य व शहरों आते हैं और वाया एनएन-58 होकर गुजरने की गलती कर बैठते हैं बेबस नजर आते हैं। एनएच-58 का सिवाया टोल प्लाजा यहां से होकर गुजरने वाली गाड़ियों से भरी भरकम टोल वसूलता है। पूरे देश और दुनिया में एक बार कटवाई गई टोल की पर्ची चौबीस घंटे के लिए मान्य होती है, लेकिन लगता है कि सिवाया टोल चलाने वाली कंपनी केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री के कायदे कानूनों को नहीं मानती। नितिन गड़करी जैसे तेजतर्रार मंत्री भी सिवाया टोल चलाने वाली कंपनी के आगे बेबस नजर आते हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी अक्सर अपनी पब्लिक मिटिंग में टोल पर्ची के चौबीस घंटे वैलिड होने का दावा करते हैं। इतना ही नहीं वो यहां तक कहते हैं कि एक बार टोल देने के बाद चौबीस घंट में चाहे जितनी बार आ ज सकते हैं, लेकिन सिवाया टोल पर लगता है कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का कायदा कानून नहीं चलता। सिवाय टोल चलने वाली कंपनी के कायदे कानून नितिन गडकरी के टोल को लेकर बनाए गए कायदे कानूनों पर भारी हैं। उनसे एकदम अलग हैं।
टोल भारी भरकम-इंतजाम बदत्तर
हाइवे पर यदि सुरक्षित और नॉन स्टॉफ ड्राइविंग की सुविधा मिले तो फिर भारी टोल भी नहीं अखरता, लेकिन एनएच-58 का परतापुर से लेकर दौराला सिवाया तक का सफर इतना ज्यादा तखलीफदेह है कि यहां से होकर गुजरने के बाद भारी भरकम टोल गाड़ी चालकों को अखरता है। इसको लेकर अक्सर टोल पर गाड़ी चालने वालों की खासतौर से देश के दूसरे राज्यों व शहरों से आनी वाली गाड़ियों के चालक टोल पर नाराजगी का इंजहार किए बगैर नहीं रह पाते हैं।
अवैध कट गाड़ी चालक बेबस
परतापुर से लेकर सिवाया टोल प्लाजा की यदि बात करें तो वैसे तो हाइवे पर कट होने नहीं चाहिए, जहां पर संकेत होते हैं केवल वहीं से गाड़ियों के यूटर्न या रोड के इस पार से उस पार जाने की अनुमति होनी चाहिए, लेकिन एनएच-58 इस मामले में अपवाद नहीं बल्कि बेहद बदनाम है। परतापुर से सिवाया तक अनगिनत अवैध कट मिल जाएंगे। जहां से दो पहिया वाहन चालक हाइवे का डिवाइडर जंप कर इधर से उधर आते जाते देखे जा सकते हैं। हाइवे का खडौली, दायमपुर व जटौली का इलाका इसके लिए सबसे ज्यादा बदनाम हैं। यहां प्रत्येक करीब तीस कदम की दूरी पर डिवाइडर कूदकर इधर से उधर आने जाने वालों ने अवैध कट बना लिए हैं। सुबह से शुरू होकर यह सिलसिला देर रात तक चलता है। हाइवे का खडौली, दायमपुर व जटौली का इलाके की यदि की जाए तो कई बार तो इनकी वजह से लेट नाइट तक जाम देखा जा सकता है। वैसे इस मामले में सबसे ज्यादा बदनाम खडौली का इलाका है।
अवैध नॉनवेज होटल बने हैं मुसीबत
हाइवे के खडौली इलाके में अवैध रूप से खोले कुछ रेस्टोरेंट व ढावे यहां लगने वाले जाम की मुख्य वजह हैं। दरअसल इन अवैध रेस्टोरेंट व ढावों के पास खुद की पार्किंग व्यवस्था नहीं हैं, इनके यहां आने जाने वालों के वाहन जिनमें बड़ी संख्या हैवी ट्रक व टूरिस्ट बसों की होती हैं, रोड यानि हाइवे के किनारे पार्क किए जाते हैं। आमतौर पर इस इलाके में करीब दर्जन भर बड़ी गाड़ियां हमेशा देखी जा सकती हैं। लेट नाइट तो हालात और भी खराब होते हैं। उस दौरान गाड़ियों की संख्या दोगुनी से ज्यादा हो जाती है, जिनकी वजह से जाम लगता है। केवल जाम ही नहीं लगता अक्सर हादसे भी होते हैं।
इन दिनों शादी का साया चल रहा है। हाइवे पर जितने भी रिसॉट व विवाह मंडप हैं वो सभी अवैध हैं ग्रीन बैल्ट में हैं, सबसे हैरानी यह कि इनमें से एक आध को यदि अपवाद मान लिया जाए तो सभी के यहां होने वाले आयोजनों में आने वाले मेहमानों की गाड़ियां हाइवे पर रोड के किनारे पार्क की जाती हैं। एक तो हाइवे उस पर हैवी ट्रैफिक फिर यदि एक साथ सैकड़ों गाडियां रोड साइड पर पार्क कर दी जाएंगी तो जाम तो लगेगा ही।
एनएचआईए को नहीं कोई सरोकार
हाइवे के अवैध कट हों या फिर अवैध होटलों के बाहर हाइवें पर रोड साइड में अवैध पार्किंग लगता है कि एनएचएआई के अफसरों को इससे कोई सरोकार नहीं रह गया है कि इस प्रकार की बदइंतजामी से हाइवे से गुजरने वाले अफसर किस प्रकार की मुसीबत उठाते हैं। कई बार तो दस मिनट का सफर पार करने में सौ मिनट तक लग जात हैं। पिछले दिनों ऐसा ही हुआ है। हालात इतने ज्यादा खराब हो गए थे कि जाम में कई वीवीआईपी का काफिला फंस गया था। एसपी ट्रैफिक को खुद मोर्चा संभालना पड़ा था।
वर्जन
अवैध रूप से डिवाइडर जंप पर बगैर पुलिस प्रशासन के रोक संभव नहीं। प्रशासन व पुलिस को अनेक पत्र भेजे गए हैं। वो सहयोग करें तभी कुछ संभाव है। राजकुमार नगरवाल- प्रोजेक्ट हैड एनएनएआई

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