IIMTमें यातायात वर्कशॉप, मेरठ। यातायात के नियम सिर्फ वाहन चालकों के लिए ही नहीं बल्कि साइकिल चलाने वालों से लेकर पैदल चलने वाले लोगों के लिए भी होते हैं। आईआईएमटी विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं फिल्म एंड टेलीविजन स्टडीज विभाग और परिवहन विभाग मेरठ के सौजन्य से आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में छात्रों को संबोधित करते हुए एसपी ट्रैफिक ने विचार रखे।
घर से निकलो तो पता जेब में रखकर निकलो, हादसे चेहरों की पहचान मिटा देते हैं… इसी संदेश के साथ आईआईएमटी में सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। विभाग के सेमीनार हॉल में आयोजित कार्यशाला में पुलिस अधीक्षक (यातायात) मेरठ, जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने छात्रों को यातायात के अलावा सोशल मीडिया को इस्तेमाल करते हुए भी जरूरी सावधानियां बरतने की सलाह दी। परिवहन विभाग मेरठ के यातायात ट्रेनर अमित तिवारी ने छात्रों को संबोधित करते हुए यातायात के सभी महत्वपूर्ण प्रतीक चिन्हों की जानकारी दी। चेतावनी, आदेशात्मक और सूचनात्मक चिन्हों का सही मतलब समझाते हुए उन्होंने इन चिन्हों के रंग और आकार का भी अर्थ समझाया। इसके लिए टोल प्लाजा की हेल्प लाइन 1033 या एंबुलेंस के लिए 108 नंबर मिलाकर सहायता की जा सकती है। यातायात एसआई पुष्पेंद्र कुमार ने बताया कि सड़क पर निकलते समय अपने परिवार के नंबर और घर का पता लिखे पहचान पत्र लिखना जरूरी है। आईआईएमटी विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं फिल्म एंड टेलीविजन स्टडीज विभाग के डीन डॉ. सुभाष चंद्र थलेड़ी ने कहा कि हर साल देश मे डेढ़ लाख से अधिक लोग सड़क दुर्घटनाओं में असावधानी से मारे जाते हैं और पांच लाख से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं। डॉ. थलेडी ने परिवहन विभाग और यातायात पुलिस के अधिकारियों का आभार जताते हुए छात्रों को इन नियमों को गंभीरता से लेने की अपील की। संचालन और संयोजन विभाग के वरिष्ठ प्राध्यापक सचिन गोस्वामी ने किया। वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ नरेंद्र मिश्रा, विभागाध्यक्ष विशाल शर्मा, प्राध्यापक डॉ विवेक सिंह, डॉ पृथ्वी सेंगर, विभोर गौड़ और निशांत सागर ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग किया।