हत्याराेपियों को उम्र कैद-गांव में जश्न, मेरठ के फलावदा के गांव सनोता में दो भाइयों की हत्या करने के आरोपी सजा सुनाए जाने से पहले अदालत से रहम की भीख मांग रहे थे।कुछ ने अपनी उम्र का वास्ता दिया तो कुछ ने कहा कि यह उनका पहला अपराध है। इसलिए हजूर रहम किया जाए। हालांकि थाना फलावदा क्षेत्र के ग्राम सनोता में 5 साल पहले हुए डबल मर्डर केस में फैसला सुनाते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 15 हर्ष अग्रवाल ने 8 आरोपियों धर्मवीर, अशोक, दरियाव, हाजी गुलफाम, रवि, मदन, शाहिद और आसिफ को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास व प्रत्येक को 8 हजार रुपये के जुर्माना की सजा सुनाई है। एडीजीसी क्रिमिनल मुकेश मित्तल ने बताया कि अभियोजन के अनुसार 14 सितंबर 2017 को वादी मुकदमा कलीम ने थाना फलावदा में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसका भाई मनसाद और दिलशाद अपनी मारुति कार से अपने गांव सनोता वापस लौट रहे थे। गांव के रहने वाले धर्मवीर, अशोक, दरियाव, हाजी गुलफाम, रवि, मदन, अनुज, सलमान, शेरू, मुकेश अभिषेक, मोनू उर्फ मोहित वहाँ पहुंच गए और उसके भाइयों से गाली गलौज करने लगे।सभी आरोपियों ने दोनों भाइयों मनसाद और दिलशाद पे अंधाधुंन फायरिंग कर हत्या कर दी। इस मामले मेंं गवाह शोएव उर्फ बबलू की रही अहम भूमिका, कुख्यात गुलफाम ने गवाह पर कचहरी में हमला कराया था। बबलू ने वकील के चैंबर में घुसकर जान बचाई। आरोपी पक्ष ने गवाह को तोड़ने के लिए 5 साल में पांच गैंगस्टर जैसे फर्जी मुकदमे लगवाए गए। शोएब इस डबल मर्डर का चश्मदीद गवाह था उसने अपनी पढ़ाई छोड़कर डबल मर्डर के मूल्यों को सजा की ठान ली। बताया यह भी जाता है गुलफाम और उसके साथी ने गांव के कई लोगों के साथ मारपीट वह हत्या मैं नाम सामने आया था लेकिन जिनके साथ वह इस तरीके की हरकत करता था उन पर दबाव बनाकर फैसला कर लिया करता था। गवाह शोएब पर झूठे मुकदमे दर्ज करा कर उसे 6 महीने तक जेल तक करा दी थी। लेकिन शोएब जेल से बाहर आया उसने ठान लिया था की डबल मर्डर के हत्या आरोपियों को सजा जरूर कराऊंगा। गवाह शोएब ने बताया कि वह आरोपियों को जेल जाने से भेद खुश हैं पर उसे अपने और अपने परिवार वालों की जान का खतरा भी है।