वीजा फिर भी लिंडसे ब्रेमर की नोएंट्री

वीजा फिर भी लिंडसे ब्रेमर की नोएंट्री
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वीजा फिर भी लिंडसे ब्रेमर की नोएंट्री, पासपोर्ट व भारत सरकार का वीजा होने के बाद भी लेखिका लिंडसे ब्रेमर को भारत में एंट्री नहीं दी गयी. कई पुरस्कार जीत चुकीं वास्तुकार  लिंडसे ब्रेमर को चेन्नई हवाई अड्डे से वापस लौटा दिया गया. इसके पीछे अधिकारी केवल ‘’आव्रजन मुद्दों’ को वजह बता रहे हैं. ब्रेमर वेस्टमिंस्टर विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर एंड सिटीज में वास्तुकला की प्रोफेसर और शोध निदेशक हैं. उन्होंने ट्वीट करके बताया कि उन्हें भारत में प्रवेश करने की अनुमति न देने के संबंध में कोई वैध कारण नहीं बताया गया और लंदन की फ्लाइट से वापस भेज दिया गया. इसको लेकर अंतराष्ट्रीय जगत के लेखक कठोर शब्दों में आलोचना कर रहे हैं. उन्होंने कार्रवाई को निंदनीय व कायरतापूर्ण बताया.

ब्रेमर का कहना है, ‘मुझे लंदन के उच्चायोग द्वारा बी-2 वीजा दिया गया था, जो कि आईआईटी मद्रास के साथ मेरे विश्वविद्यालय के एक समझौते के आधार पर था,  इसलिए यह एक अकादमिक यात्रा थी.’ मार्च 2022 में  ब्रिटिश मानवविज्ञानी फिलिपो ओसेला को तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर  भारत में प्रवेश करने से रोक दिया गया था. जीवन भर केरल पर शोध और लेखन करने में बिता देने वाले विद्वान को इसका कोई कारण नहीं बताया गया था. वेस्टमिंटर विश्वविद्यालय और आईआईटी मद्रास के बीच समझौता ज्ञापन होने के बाद भी ऐसा क्या था जिसके चलते रोका, वे अक्सर भारत से संबंधित मुद्दों को रीट्वीट करने के लिए जानी जाती हैं. 8 जुलाई को उन्होंने भू-वैज्ञानिक राममूर्ति श्रीधर के एक पोस्ट को रीट्वीट किया था, जिन्होने स्वयं किसी माजू वर्गीस के पोस्ट को उद्धृत किया था, जिसमें दावा किया गया था कि विझिनजाम में अडानी समूह द्वारा निर्माण के चलते तटीय क्षरण हुआ है, जिससे तिरुवनंतपुरम में समुद्र का पानी 200 से अधिक घरों में प्रवेश कर गया है.

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