कब्जे व अवैध निर्माण पर चुप्पी क्यों, मेरठ छावनी के लालकुर्ती हंड़िया मोहल्ला इलाके में सरकारी जमीन पर कब्जा कर अवैध रूप से बनायी गयी दुकानों को लेकर आम जन ही नहीं बल्कि भाजपाई भी नेताओं खासतौर से कैँट बोर्ड में नामित सदस्य की चुप्पी पर सवाल उठा रहे हैं। लोगों का कहना है कि अवैध निर्माण कांड़ के सामने आने के बाद आम आदमी में भाजपा की किरकिरी हो रही है। इससे संगठन की छवि को लेकर अच्छा मैसेज नहीं जा रहा है। इस पूरे मामले में कैंट प्रशासन की चुप्पी की बात तो समझ में आती है कि ऊपर तक सेटिंग होने के बाद अफसरों ने चुप्पी साध ली है। इसलिए इन दुकानों पर बुलडोजर नहीं लगाया जा रहा है। इलाके के लोगों का ही कहना है कि यदि किसी अन्य का अवैध निर्माण होता तो कैंट बोर्ड अब तक हथोड़ा गैग को भेजकर इसको ध्वस्त करा देता। सामान भी जब्त कर लिया जाता, लेकिन इस मामले में तो अवैध निर्माण की गई दुकानों पर जो जीना चढाया गया है, उसके लिए सरकारी जगह पर कब्जा कर ऐसा किया गया है। इसको अवैध निर्माण को लेकर शनिवार को जब क्षेत्रीय कार्यालय पर प्रदेश की डिप्टी सीएम केशव प्रयासद मोर्या, प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी, क्षेत्रीय अध्यक्ष मोहित बेनिवाल आदि भी मौजूद थे, वहां भी कुछ भाजपाई निगम पार्षद के इस अवैध निर्माण की चर्चा व नामित सदस्य डा. सतीश शर्मा की चुप्पी की चर्चा करते देखे गए। जिस प्रकार की बातें भाजपा पार्षद के इस अवैध निर्माण व नामित सदस्य केँट बोर्ड मेरठ की चुप्पी को लेकर वहां सुनी गयीं, वो इतनी आपत्ति जनक थी कि उनका लिखा नहीं जा सकता। उनका यहां तक कहना था कि जिन पर आरोप लग रहे हैं या जिनके नाम सामने आ रहे है उनको अपनी स्थित स्पष्ट करनी चाहिए। इस पूरे मामले को लेकर सबसे ज्यादा नाराजगी संगठन के उस वर्ग में हैं जो पार्टी अनुशासन के नाम पर खुलकर बोलने से बच रहे हैं लेकिन इससे हैं नाराज। इस संबंध में डा. सतीश शर्मा से संपर्क का प्रयास किया, लेकिन काल रिसीव नहीं हुई।