पांडे जी की पारी शुरूआत रही धाकड़, गोरखपुर के रहने वाले हैं सो धाकड़ा बनता है। लेकिन आईएएस अफसर हों, ऊपर से धाकड़ भी हों साथ ही जनता की परेशानी को समझने वाले भी हों तो शुरूआत को अच्छ ही कहा जाएगा। वैसे शुरूआत तो सभी की अभी तक अच्छी होती रही है, ये बाद में कुछ होता की मामला डिरेल हो जाता है। मेरठ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक पांडे ने मंगलवार सुबह पदभार संभालते ही प्राधिकरण के सभाकक्ष में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से लेकर सचिव तक को बुलाकर अपना स्पष्ट संदेश दिया। इस दौरान अधिकारी कुर्सी पर बैठे रहे और कर्मचारियों के सम्मान में उपाध्यक्ष खड़े हो गए। उन्होंने कर्मचारियों से कहा कि आपकी बदौलत से ही प्राधिकरण की सूरत और सीरत बदलेगी। इसलिए मैं आपके सामने बैठकर बात नहीं कर सकता। स्पष्ट रूप से कहा कि आप लोग सुचिता, पारदर्शिता और ईमानदारी से काम करें। यदि किसी गलत मंशा से काम करेंगे तो आप तय समझे की बहुत बड़ी कार्रवाई की जाएगी। यदि आपकी मंशा सही होगी तो मैं एक बार नहीं तमाम बार माफ करूंगा। अपनी जिंदगी का उदाहरण देते हुए बताया कि मध्यम परिवार से रहा हूं, जहां सालाना स्कूल की फीस देने के लिए परिवार के सदस्यों को सोचना पड़ता था। आईआईटी रुड़की की फीस स्कॉलरशिप मिलने पर जमा होती थी। यदि स्कॉलरशिप नहीं होती तो मैं यहां खड़ा नहीं होता। यानी मेरी फीस देश की जनता ने दी।