MDA: जोनल-जेई के आगे कायदे कानून पस्त, मेरठ विकास प्राधिकरण के कुछ भ्रष्ट जोनल अधिकारी व जूनियर इंजीनियरों के सामने तमाम कायदे कानून पस्त हैं, अवैध निर्माण रोकने व विकास के लिए बनाए गए एमडीएम के कुछ अधिकारी ही अवैध निर्माण के गॉड फादर बन गए हैं। कमिश्नर के साफ आदेश हैं कंपांउडिंग व नक्शे के बगैर कोई निर्माण न हो, लेकिन महानगर पूरा महानगर अवैध निर्माणों से भरा है। डी-3 के अभियंता इसकी बड़ी मिसाल हैं। ज्यादातर इलाकों में ऐसे ही अवैध निर्माण जारी हैं। विगत दिनों एमडीएम सचिव की ओर से फरमान जारी किया गया था, कि जोनल व जेई समेत सभी कर्मचारी गारंटी देंगे कि उनके एरिया में कोई अवैध निर्माण नहीं हो रहा है। सचिव के इन आदेशों को कितनी गंभीरता से लिया गया है, इसकी सच्चाई मालूम करने के लिए जोनल व जेई को एरिया वार साथ लेकर यदि सचिव निरीक्षण करें तो पता चल जाएगा कि उनको कितनी गंभीरता से लिया जा रहा है। जॉन D3 में चल रहे हैं बिना नक्शे के कमर्शियल निर्माण जो करीब 2000 वर्ग मीटर में अवैध निर्माण का कार्य चल रहा है उसमें यदि लेनदेन नहीं है तो फिर एमडीए प्रशासन ने हाथ क्यों बांधे हैं। मेरठ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रत्येक अवैध निर्माण को लेकर सख्ती बरत रहे। अभियंता अवैध कॉमर्शियल एक हॉस्पिटल को लेकर एमडीएम के संबंधित अधिकारी सीनियर को गुमराह कर रहे हैं। जगह-जगह कलोनियों व ग्रीन बेल्ट में आए हुए अवैध निर्माणों पर ध्वस्तीकरण करवा रहे हैं । इस हॉस्पिटल पर नाम के लिए ही केवल कार्रवाई चालान की हुई है। हॉस्पिटल की शिकायत अब देखना यह है हॉस्पिटल पर सील की कार्रवाई कर ध्वस्तीकरण का आदेश कब तक करते हैं। तमाम अवैध निर्माण एमडीए प्रशासन को चिढ़ते नजर आ रहे हैं। कायदे कानून ताक पर हैं कोई कार्रवाई करने वाला नहीं। आरटीआई एक्टिविस्ट ने इस मामले की शिकायत सीएम योगी के पोर्टल पर भी की है। इसके अलावा कई अन्य मामलों की भी जो अवैध निर्माण है कि शिकायत की गई है। (BK Gupta)