टिकट दावेदार यानि भाजपा की मुसीबत, मेरठ। कैंट बोर्ड के चुनाव के एलान ने महानगर भाजपा संगठन की सिरदर्दी को बढ़ा दिया है। हालांकि जहां तक प्रत्याशी तय करने की बात है उसमें बड़ा हस्तक्षेप कैंट विधायक व सांसद का भी रहेगा लेकिन उसके बाद भी माना जा रहा है कि इस बार महानगर संगठन के लिए कैंट बोर्ड मेरठ के सभी आठ वार्ड में पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी तय करना इतना आसान नहीं होगा। महानगर भाजपाध्यक्ष मुकेश सिंहल ने स्वीकार किया कि इस बार टिकट के दावेदारों की मारामारी अधिक है। प्रत्येक वार्ड में करीब पंद्रह दावेदार सामने आ रहे हैं। यह संख्या बढ़ने की बात से इंकार नहीं किया जा रहा है। लेकिन इतना तय है कि जिसको भी संगठन तय करेगा केवल वही चुनाव में उतरने के लिए अधिकृत होगा। इससे इतर यदि कोई चुनाव में उतरता है या फिर पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी को किसी कृत्य से चुनौती देने का काम करता है तो उसको पार्टी के प्रति अनुशासनहीनता माना जाएगा।
वहीं दूसरी जहां तक दावेदारोंं की बात है तो अभी केवल चुनाव की तारीख का एलान किया गया है लेकिन चुनाव का बाकि कार्यक्रम का एलान बाकि है। मसलन नामांकन, नाम वापसी आदि। अभी इन दावेदारों की है खासी चर्चा: कैंट बोर्ड के चुनाव के एलान के साथ ही तमाम आठ वार्ड में जिन दावेदारों के नाम की इस समय चर्चा है उनकी यदि बात की जाए तो वार्ड एक तोपखाना क्षेत्र में युवा व उभरता हुआ नाम कैलाश मेहता का लिया जा रहा है। कैलाश मेहता अरसे से इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं। पार्टी संगठन के कार्यों के अलावा तमाम धार्मिक व सामाजिक कामों में उनकी सक्रियता देखी जा सकती है। कैलाश मेहता के अलावा अन्य दावेदार जो चर्चा में हैं उनमें अनंत जैन व निवर्तमान सदस्य रिन्नी जैन समेत कई अन्य नाम लिए जा रहे हैं। ऐसे में किसी एक का चुनाव करना संगठन के लिए मुश्किल भरा हो सकता है। इसके अलावा कुछ नाम ऐसे भी बताए जाते हैं जो पर्दे के पीछे रहकर यानि अंडरग्राउंड पैरवी कर रहे हैं। ये नाम बेहद चौकाने वाले हो सकते हैं। भाजपा के सूत्र बताते हैं कि केवल वार्ड एक ही नहीं कैंट बोर्ड के सभी आठ वार्डों में ऐसे नाम हो सकते हैं जो बड़े स्तर पर साइलेंट होकर पैरवी कर रहे हैं। इनकी पैरवी की किसी को भनक तक नहीं हैं। वार्ड दो में इस बार मुख्य मुकाबले में भाजपा छावनी मंडल अध्यक्ष विशाल कन्नौजिया व भाजपा नेत्री डोली गुप्ता के बीच मुकाबला माना जा रहा है। हालांकि पार्टी संगठन का पूरा प्रयास है कि दोनों के बीच मुकाबले सरीखी कोई वजह न बने और दोनों को बैठाकर सहमति से किसी एक के नाम पर मोहर लगा दी जाए। लेकिन यह भी सावधानी बरती जा रही है कि दोनों के बीच किसी प्रकार के टकराव सरीखी स्थिति ना बने। संगठन का पूरा प्रयास है कि वार्ड दो में इन दोनों की दावेदारी का साइड इफैक्ट चुनाव पर न पड़े। वार्ड तीन की यदि बात की जाए तो यहां पब्लिक डिमांड के चलते वाधवा दंपत्ति के नाम का एलान केवल औपचारिकता भर है। यहां कोई जोखिम मोल लेना नहीं चाहते। हालांकि मन्नू लाल व आलोक रस्तौगी के नाम की चर्चा भर है। वार्ड चार में सबसे ज्यादा मारामारी है। यहां सीमा अग्रवाल, पूर्व उपाध्यक्ष दीपक एलन, निवर्तमान मैंबर नीरज राठौर, हरीश साहू, भाजपा महिला मोर्चा अध्यक्ष अंजली गुप्ता, राजीव शर्मा के नाम की खासी चर्चा है। इस वार्ड में इनके अलावा कुछ साइलेंट नाम भी हैं। वार्ड पांच में निवर्तमान मैंबर अनिल जैन, अन्नु या अंजू जैन, ममता गुप्ता पत्नी सांसद प्रतिनिधि अमन गुप्ता, रीना सिंहल व सीमा अग्रवाल, वार्ड छह में नितिन बालाजी व गौरव गोयल, वार्ड सात धर्मेन्द्र सोनकर, अजय महरोल, वेद प्रकाश व अश्वनी जबकि वार्ड आठ में पूर्व उपाध्यक्ष विपिन सोढी परिवार।