अवैध कालोनी काटने वाले भू-माफिया ने दिखाई शक्ति, मेरठ विकास प्राधिकरण के जोन डी शक्ति के नाम से अवैध कालोनी काटने वाले भूमाफिया के आगे प्राधिकरण प्रशासन नतमस्त नजर आता है। हालांकि जोनल अधिकारी अर्पित यादव ने इसको ध्वस्त करने के संकेत दिए हैं। उन्होंने जोर देकर कहा है कि वह मौके पर पहुंचकर मुआयना करेंगे और हर दशा में अवैध कालोनी काटने वालों की शक्ति का दम निकाला जाएगा। अर्पित यादव अवैध कालोनी के खिलाफ कार्रवाई कब करेंगे यह कहना तो जल्दबाजी होगी लेकिन फिलहाल तो भूमाफिया की शक्ति के सामने प्राधिकरण प्रशासन ही घुटनों पर नजर आता है।वर्ना ऐसा क्या कारण है कि हरियाली का कत्ल कर कृषि भूमि मसलन खेतों में ही अवैध कालोनी काट दी गयी है। अवैध कालोनी काटने वाले भूमाफिया ने केवल अवैध कालोनी ही नहीं काटी है बल्कि उसने खतों की भराई के लिए अवैध कालोनी काटने से पूर्व मिट्टी का अवैध खनन भी कराया है। अवैध खनन कर लायी गयी मिट्टी से ही गहरे खेतों में भराई का काम महीनों चला है। महीनों तक जहां भराई होती रही उसकी भनक इसको रोकने लिए जिम्मेदार अफसराें का ना लगे यह बात आसानी से गले नहीं उतर रही है। वही दूसरी ओर यदि भूमाफिया की बात की जाए तो ऐसी शक्ति दिखाने वाले भूमाफिया अब पूरे संगठित गिरोह की तर्ज पर काम करते हैं। अवैध कालोनी की काली कमाई में जिनका हिस्सा होता है या जो मददगार साबित होते हैं वो सभी इनके इस संगठित गिराेह का पार्ट होते हैं। इस प्रकार के भूमाफियाओं की यदि बात की जाए तो इसका प्रमुख तो भूमाफिया ही होता है, लेकिन किसी भी आसन्न संकट से निपटने के लिए ऐसा भूमाफिया मदद के लिए सत्ताधारी दल के नेताओं और प्राधिकरण के कुछ प्रभावशाली अफसरों तथा क्रिमिनल बैक ग्राउंड वाले लोगों को साथ रखने का काम करता है। मेरठ की यदि बात की जाए तो महानगर के प्राधिकरण के इलाके में जितनी भी अवैध कालोनी काटी जा रही है उन सभी को काटने वाले भूमाफिया इसी प्रकार का संगठित गिरोह बनाकर काम करते हैं। ये भूमाफिया अक्सर सत्ताधारी दल के नेताओं और बड़े अफसरों की महफिल में भी देखे जा सकते हैं। कई बार तो इनका मंच तक साझा करते देखा जाता है। यही ऐसे भूमाफियाओं की शक्ति का प्रदर्शन है।
यह है पूरा मामला:
मेरठ विकास प्राधिकरण के जोन डी गंगानगर से सटे अब्दुल्लापुर संपर्क मार्ग पर एक भूमाफिया ने शक्ति नाम की एक अवैध कालोनी काट दी है। इस अवैध कालोनी में न तो सीवर सिस्टम है न ही ड्रेनेज को लेकर कोई इंतजाम किया गया है। पानी की टंकी की तो इस अवैध कालोनी में बात करना ही बेमाने होगा। खेतों में काटी गयी अवैध कालोनी में रास्तों के नाम पर केवल दल-दल है। यदि किसी प्लाट तक पहुंचना है तो कीचड और दलदल से होकर जाना होगा। रास्ते के नाम पर इस कालोनी में सिर्फ और सिर्फ बड़े-बड़े गहरे खाईनुमा गडढे हैं और कुछ नहीं है। यहां प्लाट खरीदने का नाम पर केवल मुसीबत मोल लेना है। पिछले दिनों जिस प्रकार से जिला प्रशासन व पुलिस तथा मेरठ विकास प्राधिकरण की संयुक्त टीम ने परतापुर के गांव इटायरा में अवैध कालोनियों में बनाए गए करीब 280 से ज्यादा मकानों को ध्वस्त कर दिया है जानकारों का कहना है कि उसी तर्ज पर भूमाफिया की इस अवैध कालोनी में भी ध्वस्तीकरण होना तय है, तब अवैध कालोनी काटने वाले भूमाफिया की शक्ति धरी की धरी रह जाएगी।