बर्बाद हुए हैं कम से कम एक करोड़ तो दो

बर्बाद हुए हैं कम से कम एक करोड़ तो दो
Share

बर्बाद हुए हैं कम से कम एक करोड़ तो दो, उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उत्तर प्रदेश (पंजी0) ने रैपिड रेल प्रोजेक्ट से प्रभावित होने वाले व्यापरियों को मुआवजे की मांग को आज शनिवार को मेरठ के दिल्ली रोड स्थित ईरा माल पर  भूख हड़ताल पर बैठकर धरना दिया। उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के प्रदेश अध्यक्ष लोकेश अग्रवाल की अध्यक्षता में हुए धरना प्रदर्शन में बड़ी संख्या में प्रभावित व्यापारियों ने भाग लिया। लोकश अग्रवाल ने आरोप लगाया कि दिल्ली रोड पर रैपिड रेल निर्माण के चलते न केवल दिल्ली रोड अपितु पूरे मेरठ शहर का व्यापारी त्रस्त है। सामान के आने जाने से लेकर व्यापारी के आवागमन तक हर चीज बाधित है।  सरकार से लगातार मांग की जा रही  है कि दिल्ली रोड़ रैपिड रेल निर्माण के चलते जो व्यापारी प्रभावित हो रहे हैं उन सबको उचित मुआवजा दिया जाए, परन्तु लगातार धरना प्रदर्शन व मांग पत्र देने के बावजूद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम लि0 व मेरठ के प्रशासनिक अधिकारी द्वारा व्यापारियों की किसी भी पीड़ा की सुनवाई नहीं की जा रही है। अधिग्रहण किये जाने वाले भवनों को मनमाने तरीके से अतिक्रमण बताया जा रहा है कई-कई बार अलग-अलग निशान लगाये जा रहे हैं, जिससे व्यापारियों में दहशत उत्पन्न हो रही है। व्यापारियों की सुनवाई न होने के कारण मजबूरीवश आन्दोलन की राह अपनानी पड़ रही है। व्यापारियों ने कहा कि उनका प्रयास है कि धरना प्रदर्शन की मार्फत  व्यापरियों  की पीड़ा शासन व प्रशासन तक पहुॅच सके, परन्तु यदि व्यापारियों की सुनवाई नहीं होती है, तो व्यापारी 20 अगस्त से क्रमिक अनशन करने पर मजबूर हो जाएगा। यदि फिर भी व्यापारी की सुनवाई नहीं होती है, सभी व्यापारी मिलकर आगे के आन्दोलन की भूमिका तय करेंगे। उन्होंने मांग की कि  रैपिड रेल निर्माण के कारण विस्थापित होने वाले व्यापारियों को 1 करोड़ रूपये क्षतिपूर्ति के रूप में दिये जायें, क्योंकि नए स्थान पर नए सिरे से कारोबार जमाना अत्यन्त कठिन कार्य है।  रैपिड रेल निर्माण के कारण व्यापारियों के कारोबार दिल्ली रोड़ पर ठप्प हो चुके हैं। ऐसे सभी व्यापारियों को उनके दैनिक खर्चे, स्टाफ की तनख्वाह, बैंक के ब्याज, बिजली के बिल, टैक्स आदि के भुगतान के लिए रैपिड रेल निर्माण कार्य शुरू होने से समाप्त होने तक रू0 1 लाख प्रतिमाह मुआवजा दिया जायें, जिससे वह अपना गुजारा कर सके।  रैपिड रेल निर्माण के कारण अधिग्रहण की जा रही सम्पत्तियों से सम्बन्धित व्यापारी को उनके नुकसान की गणना, जमीन, बिल्डिंग व फिटिंग व फर्नीचर की वैल्युवेशन कराकर 5 गुना मुआवजा दिया जायें।  रैपिड रेल निर्माण के कारण अधिग्रहण की जा रही व्यापारियों की सम्पत्ति का मुआवजा उनके बैनामें को आधार बनाकर तय किया जाये। रैपिड रेल निर्माण के कारण विस्थापित होने वाले किराएदारों को भी 1 करोड़ रूपये क्षतिपूर्ति के रूप में दिया जायें।

@Back Home

 


Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *