बारिश ने फिर खोली निगम की पोल, महज बीस मिनट की बारिश ने नगर निगम मेरठ के नालों की साफ सफाई कराए जाने के दावों की पोल खोल कर रख दी हे। वहीं दूसरी ओर नगर निगम के वरिष्ठ पार्षद अब्दुल गफ्फार ने निगम प्रशासन के काम करने के तरीकों पर गंभीर सवाल उठाए हें। उन्होंने कहा कि जो हालात बने हुए हे उससे शहर के बड़े इलाके खासतोर से मेरठ की पुरानी आबादी वाले इलाकों में महामारी के खतरे की आशंका को नकारा नहीं जा सकता। बारिश व गंदगी की वजह से कई इलाकों में बीमारियां पांव पसार सकती हें।
पार्षद ने इसके लिए निगम प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। साथ ही जिला प्रशासन से आग्रह किया कि जहां-जहां बारिश की वजह से जलभराव हो रहा हे। इलाके टापू में तबदील हो रहे हें, वहां काम कराया जाए। ऐसे इलाकों की सूची बनाकर वहां प्राथमिकता के आधार पर काम हो, वर्ना जिस प्रकार से एक बार फिर से कोरोना के केस आ रहे हें उससे गंभीर खतरा भी बन सकता हे। वहीं दूसरी ओर मंगलवार की शाम को अचानक आयी बारिश ने पूरे शहर को मुसीबत में डाल दिया। जगह-जगह पानी भर गया। लोग परेशान दिखाई दिए। कई इलाकों में तो हालात यह हो गयी कि लोगों ने खुद को घरों में ही सिमित कर लिया। बाहर निकलना किसी जोखिम माेल लेने सरीखा साबित हो रहा था। पार्षद अब्दुल गफ्फार ने बताया कि कांवड़ यात्रा शुरू होने से पहले व्यवस्था के लिए निगम कार्यकारिणी की बैठक होनी थी। कई बार तारीखें दी गयीं, बाद में ऐलान कर दिया गया कि कांवड़ यात्रा के बाद कार्यकारिणी की बैठक की जाएगी। पार्षद अब्दुल गफ्फार का कहना हे कि इससे बड़ा ओर भद्दा मजाक क्या हो सकता हे कि कांवड़ के नाम पर जो कार्यकारिणी होनी थी वह अब कांवड़ यात्रा के पूरा होने के बाद की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस संबंध में प्रदेश के मुख्यमंत्री व नगर विकास मंत्री को भी पत्र भेजकर निगम में जो हो रहा हे, उसकी जानकारी देंगे।