बेसिक के भ्रष्टाचारी: जांच में फंसा अदना सा बाबू-परेशान हो रहे अफसर

बेसिक के भ्रष्टाचारी: जांच में फंसा अदना सा बाबू-परेशान हो रहे अफसर
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बेसिक के भ्रष्टाचारी: मेरठ में जांच में फंसा बेसिक का एक अदना सा बाबू-परेशान हो रहे अफसर।कहने को अदना सा बाबु मगर लाइफ स्टाइल लग्जरी, कहने को वो अदना सा बाबू है मगर उसका लाइफ स्टाइल किस हाईप्रोफाइल एक क्लास अफसर से कम नहीं। महानिदेशक बेसिक शिक्षा की जांच में फंसा बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय नौचंदी में बैठने वाला इस बाबा का जीने रहने और खाने पीने का अंदाज बड़े बड़ों का मात देता है। यह सारी संप्पति इस धन्ना सेठ ने बेसिक शिक्षा की मीडिल क्लास और गरीब परिवारों से आने वाली टीचरों से जमा की है। अपने छोटे-छोटे कामों को उन्हें जांच में फंसे इस भ्रष्टाचारी को मुंह मांगी रकम देने के आरोप बेसिक या कहें परिषदीय कालेजों में आम हैं। बगैर दाम के इसके टेबल से कागत एक छोटा सा पुर्जा भी आगे नहीं बढ़ सकता। जांच में फंसा यह बाबू भ्रष्टाचार की गंगोत्री में अकेले ही गोते नहीं लगा रहा था, बेसिक शिक्षा कार्यालय में कई बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इसके द्वारा भ्रष्टाचार की गंगोत्री में गोते लगवाने का मौका मुहैय्या कराए जाने की चर्चा आम हैं। शायद यही कारण है कि जो जांच इसकी हो रही है और परेशान इसके पूर्ववर्ती अफसर हो रहे हैं। इससे इतना तो साफ है कि कुछ तो गड़बड़ है।

सीडी कांड़ के किरदारों से होती है तुलना

जांच में फंसे बेसिक के इस बाबू की तुलना महकमे में आमतौर पर मेरठ के बहुचर्चित सीड़ी कांड जिसमें एक अधिवक्ता इन दिनों जेल में उससे होती है। सुनने में आया है कि कहने को बाबू है लेकिन लग्जरी स्टाइल का शौकीन यह बाबू तमाम बादशाही शौक रखता है। इसको लेकर अक्सर सीडी कांड़ सरीखे किस्से सुनने को मिलते रहते हैं। हालांकि यह बात अलग है कि कोई पीड़िता अभी सामने नहीं आयी है।

 अकूल संपत्ति की लिस्ट 

बीएसए के इस भ्रष्टाचारी लिपिक की अकूत संपत्ति की लिस्ट साक्ष्यों के साथ एडी बेसिक, बीएसए व महानिदेशक को रमेश गिल ने प्रेषित की है। यह सारा पुलिंदा विगत 30 मई को दी गयी थी। इन दिनों सोशल मीडिया खासतौर से टीचरों के वाट्सअप ग्रुप पर खूब तैर रही है। जबरदस्त तरीके से शेयर की जा रही है। सोशल मीडिया की सबसे हॉट एक्जुकेशन चर्चा बनी इस लिस्ट में इस भ्रष्टाचारी बाबू की तमाम संपत्तियों का खुलासा किया गया है। इनमें इसके एक संपत्ति को पाम ग्रीन कालोनी में जिसमें चार बीएचके का फ्लैट है कई करोड़ का सुनने में आया है। सोशल मीडिया में जिन अन्य संपत्तियों का जिक्र किया जा रहा है उनमें इस भ्रष्टाचारी बाबू ने अपनी माता जी,  बहन, (जो कि विधवा हैं), उनके  ( जो अविवाहित, एक पुत्र विदेश में शिक्षा ग्रहण कर रहा है दूसरा दिल्ली में शिक्षारत है ) के नाम क्रय की गई संपत्ति का विवरण भी सोशल मीडिया पर तैर रहा है। इनमें  वर्ष 2018 में एक  लेफ्टिनेंट कर्नल, 21बी मकान नम्बर 102 नई माहदा सन्तोष नगर गोरे गांव, ईस्ट मुम्बई से आवासीय फ्लैट संख्या ए-502 सुपरटैक पामग्रीन दिल्ली रोड मेरठ धनराशि अंकन= 65,05,000 रूपये/ पैंसठ लाख पांच हजार रुपए में अपनी माताजी  के नाम  मकान नंबर 202/1इन्द्रानगर ब्रह्मपुरी मेरठ के नाम दिनांक 6 जुलाई 2018 को क्रय/ निष्पादन किया गया है। इसके अलावा   वर्ष 2019 में  ब्रह्मपुरी मेरठ से आवासीय (अकृषक) भूतल पर फ्लैट अपनी विधवा बहन  के नाम से  13 मई /2019 को धनराशि अंकन= 20,70,000 रूपये /बीस लाख सत्तर हजार रुपये क्रय/निष्पादन किया गया है।  वर्ष 2019  कोतवाली इलाके में 4 चाहेमेअरान, मेरठ से आवासीय ( कृषक) भूखण्ड संख्या 27 अपने पुत्र  2042 इन्द्रानगर प्रथम ब्रह्मपुरी मेरठ के नाम धनराशि अंकन =13,62,000 रूपये / तेरह लाख बासठ हजार में 19 सितंबर 2019 को क्रय/निष्पादन किया गया है।  वर्ष 2021 मैं   A. 16/1 शंम्भूनगर बागपत रोड, मेरठ से आवासीय (अकृषक) एक आवासीय प्लाट नंबर – 67 अपने पुत्र  के नाम , मकान नंबर 2042 इन्द्रानगर प्रथम ब्रह्मपुरी मेरठ के नाम  16 जुलाई काे 2021 को धनराशि अंकन= 32,18,000 रूपये/ बत्तीस लाख अट्ठारह हजार रूपये में क्रय/निष्पादन किया गया है।  30-सितंबर-2022 को कृषि भूमि खसरा नंबर 795/4 व 795/2, 6950 हैक्टेयर सरसवा, धनराशि अंकन = 28,16,000 (26,41,000 + 1,75,000 स्टाम्प), बैनामा नाम किया गया।  29-सितंबर-2022 को कृषि भूमि खसरा नंबर 817, 0.3226.2/3 हैक्टेयर सरसवा, धनराशि अंकन = 13,02,900 (12,27,000 + 75,900 स्टाम्प), करीबी रिश्तेदार महिला के नाम जो विधवा बतायी जाती है बैनामा। 9-दिसंबर -2022 को कृषि भूमि खसरा नंबर 825, 0.3205 हैक्टेयर सरसवा, धनराशि अंकन = 13,03,300 (12,18,000 + 85,300 स्टाम्प), भ्रष्टाचार बाबू ने खुद के नाम बैनामा कराया।  16-अप्रैल-2202 को कृषि भूमि खसरा नंबर 881 व 945, 5975 हैक्टेयर सरसवा, धनराशि अंकन = 21,10,000 (19,72,000 + 1,38,000 स्टाम्प), खुद के नाम से बैनामा किया गया।

विभाग के उच्च पदस्थ के भी सने हैं हाथ:

मेरठ के बीएसए में कार्यरत महने को अदना से मगर भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे इस बाबू को  विभागीय उच्चाधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है जिसके कारण उपरोक्त बिंदुओं पर की गई शिकायत के संबंध में साक्ष्य प्रस्तुत किए जाने के उपरांत विभागीय स्तर से कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मेरठ द्वारा उच्चाधिकारियों / शासन / जनसुनवाई संदर्भ में प्रेषित आख्या में तथ्यों को छुपाया जा रहा है जिसकी विभागीय जांच शासन स्तर पर समिति गठित कर आय से अधिक अर्जित धनराशि से अपनी माताजी ज्येष्ठ पुत्र, कनिष्ठ पुत्र, बहन एवं स्वयं के नाम क्रय की गई संपत्ति की जांच की जाए एवं पृथक से भी जांच आयकर विभाग, भ्रष्टाचार अन्वेषण ब्यूरो, से कराते हुए राज्य सतर्कता समिति के समक्ष प्रकरण को प्रस्तुत करते हुए विभागीय अधिकारी जिनके द्वारा इस बाबू को संरक्षण प्राप्त है एवं इनके विरुद्ध जांच कराकर विधिक कार्यवाही कर संपत्ति को ज़ब्त किया जाए एवं तत्काल सेवा से बर्खास्त किया जाए।

ये संपत्तियां बेच दी गयी हैं:

भ्रष्टाचार को लेकर सीएम योगी की जीरो टालरेस नीति के बाद खुद पर जांचों का शिकंजा कसता हुआ देखकर इस भ्रष्टाचारी बाबू ने कुछ संपत्तियों को बेचना शुरू कर दिया है इनमें 30 जनवरी 2023 को किसी  प्रीति शर्मा पत्नी विनय पाराशर को बेची गई। इसके अलावा  एक अन्य संपत्ति जोकि इसकी माता जी के नाम थी  वह इसने किसी  विनय पाराशर को 19 जुलाई 2023 को बेची गयी।

राधे श्याम गौड की शिकायत पर ये तमाम कार्रवाई हो रही हैं। कोतवाली क्षेत्र निवासी राधे श्याम गौड ने इस संवाददाता को बताया कि इसके खिलाफ जो जांचें चल रही थीं उनमें लीपापोती के आरोपों की शासन तक उनके द्वारा शिकायतें की गयी, जिसके बाद महानिदेशक ने एडी बेसिक मेरठ को 24 जुलाई दिन सोमवार यानि आज तलब किया है। राधे श्याम गौड का कहना है कि इस मामले को लेकर यदि जरूरत पड़ी तो वह हाईकोर्ट और सीबीआई तक भी जाने से पीछे नहीं हटने वाले हैं।

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