
कैंट बोर्ड एई-जेई ने मारी कुंडली, मेरठ के छावनी बाउंड्री रोड स्थित बंगला 22B की सील तोड़े जाने की रिपोर्ट कैंट बोर्ड के सेनेट्री सेक्शन 20 फरवरी 2019 को लगती है। साथ ही 22B पर हाईकोर्ट के आदेश पर सील लगाए जाने के आदेश का भी उल्लेखन सेनेट्री सेक्शन की रिपोर्ट में किया जाता है। 28 फरवरी 2019 22B पर हाईकोर्ट के सील लगाए जाने के आदेशों को लेकर एक पत्र कैंट बोर्ड से पंकज जौली को भेजा जाता है। इसमें 2-जुलाई 2015 के आदेश का अनुपाल करते हुए दोबारा सील लगाने के आदेश दिए जाते हें, साथ ही 28 फरवरी 2019 को इस संबंध में एफआईआर भी दर्ज कराई जाती है। कैंट बोर्ड मेरठ के तत्कालीन सीईओ द्वारा 9 मई 2019 को 22B पर दोबारा सील लगाए जाने के आदेश कैंट बोर्ड इंजीनियरिंग सेक्शन के एई व जेई को दिए जाते हैं। लेकिन यही से इंजीनियरिंग सेक्शन का खेल शुरू हो जाता है। पुलिस फोर्स के नाम पर 22B की सील टूटने के आरोपियों को पूरा वक्त दिया जाता है ताकि वो कानूनी पेशबंदी कर सकें। इसके लिए पुलिस प्रशासन को पत्र भेजे जाने का खेल शुरू होता है। चार से पांच पत्र भेजे जाते हैं। इस पूरे खेल का खुलासा करने वाले संदीप पहल एडवोकेट ने बताया कि अंतिम पत्र 13 अगस्त 2019 को भेजा गया। जौली एंड संस की मेहरबानियों तले दबे कैंट बोर्ड के इंजीनियरिंग सेक्शन व सेनेट्री सेक्शन से ये तमाम तथ्य व सच्चाइयां 22B ट्रेड लाइसेंस जारी करने के दौरान छिपा ली। या यूं कहें कि इन्हें छिपााने के नाम पर अपनी करतूतों पर पर्दा डाल दिया, लेकिन अब सब कुछ सामने आ चुका है। तीन साल के बाद हाईकोर्ट के आदेश पर फाइलों में सील 22B को ट्रेड लाइसेंस जारी करने की जब पटकथा लिखी गयी तो इसमें कैँट बोर्ड के सेनेट्री सेक्शन, इंजीनियरिंग सेक्शन से लेकर सीईओ तक और सबसे हैरानी भरा सब एरिया मुख्यायल के फौजी अफसर तक को पात्र बना डाला। जब ट्रेड लाइसेंस जारी होता है तो उस पर बोर्ड अध्यक्ष, सीईओ व नामित सदस्य के साइन होते हैं। (खुलासे अभी जारी रहेंगे)