कैंट बोर्ड: कब होगी पूरी घोषणाएं, साल 2022 में कैंट बोर्ड मेरठ ने घोषणाएं तो बहुत कीं, लेकिन साल बीत गया और नया साल भी शुरू हो गया है। कैंट बोर्ड प्रशासन के उच्च पदस्थ अफसरों ने जो घोषणाएं की थी, उनको लेकर अब छावनी वासियों का सब्र जवाब दे रहा है। लोगों का कहना है कि इन घोषणाओं को कब पूरा किया जाएगा या फिर यह मान लिया जाए कि बातें है बातों का क्या। बीते साल की यदि बात की जाए तो कैंट प्रशासन मसलन कैंट बोर्ड अध्यक्ष व सीईओ ने अनेक सब्जबाग दिखाए। इनमें माल रोड का चौड़ीकरण व उसको सजाना संवारना भी शामिल था, माल रोड की यदि बात की जाए तो माल रोड अपनी बर्बादी और कैंट बोर्ड अफसरों खासतौर से इंजीनियरिंग सेक्शन की लापरवाही पर आंसू बहा रही है। माल रोड की तर्ज पर ही कैंट बोर्ड की बैठकाें में गांधी को नए सिरे से सजाने संवारने तथा इसी प्रकार की घोषणाएं कैंटोनमेंट हॉस्पिटल को लेकर भी की गयी थी, लेकिन ये सभी घोषणाएं ढाक के तीन पात साबित हुईं। कैंटोनमेट हॉस्पिटल को लेकर तमाम घोषणाओं से पहले बोर्ड की बैठक में सदस्य सतीश शर्मा ने बोर्ड अफसरों को उनकी लापरवाही का उलाहना दिया था। उसके बाद बोर्ड अध्यक्ष कमांडर व सीईओ कैंट वहां निरीक्षण को पहुंचे। दोनों अफसर जब वहां पहुंचे तो स्टाफ के नाम पर तो कोई डाक्टर मिला और स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर कैंटोमेंट हॉस्पिटल भी माल रोड की तर्ज पर कैंट बोर्ड प्रशासन की लापरवाही व उदासीनता पर आंसू बहाता दिखाई दिया। ऐसा नहीं है कि कैंटोनमेंट हॉस्पिटल हमेशा से ही ऐसा था, एक दौर ऐसा भी था कि इस हॉस्पिटल की स्वास्थ्य सेवाओं की चर्चा देश भर की छावनियों में बने हॉस्पिटलों में होती थी। यहां अपना इलाज कराना लोगों के लिए फक्र की बात हुआ करती थी, लेकिन वो दौर कुछ और था, उस दौर के अफसर भी कुछ और ही मिजाज के हुआ करते थे। वो अफसर ड्यूटी को अपना भगवान मानते थे, लेकिन अब कैंटोनमेंट हॉस्पिटल की बद से बदत्तर हो चुकी हालत को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि कैंट बोर्ड के उच्च पदस्थ अफसर स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर कितने गंभीर हैं। इसके अलावा आरआरटीएस से कैंट बोर्ड प्रशासन को करीब 75 लाख रुपए की एक बड़ी रकम मिलनी है, छावनी में रहने वाले लोग कैंट प्रशासन से सवाल पूछ रहे हैं कि क्या कुछ सुधार होगा या ऐसे ही ठिकाने लगा दिए जाएंगे।