कैंट बोर्ड: आचार संहिता का बैरियर, मेरठ। मेरठ कैंट बोर्ड समेत देश भर की छावनियों में बोर्ड के गठन के लिए चुनाव कराए जाने के सरकार के एलान के साथ ही तत्काल प्रभाव से आचार संहिता लागू होने की वजह से जिन लोगों के काम कैंट बोर्ड में अटके हैं उन्हें अब लंबा इंतजार मसलन नए बोर्ड का गठन होने तक इंतजार करना होगा। आदर्श चुनाव आचार संहिता ने कैंट अफसरों के हाथ बांध दिए हैं। इसलिए न कोई मुटेशन, ना कोई नक्शा पास, इस दौरान कोई नया ठेका भी नहंी छोड़ा जाए सकेगा। यह संभव है कि जो काम पुराने चल रहे हैं केवल उन्हें ही जारी रखा जाएगा। यदि कोई इमरजेंसी सरीखी स्थिति है तो उस काम को कराए जाने के लिए कैंट बोर्ड प्रशासन को डिफेंस मंत्रालय से विशेष परिस्थितियों का हवाला देते हुए अनुति लेनी होगी। उसके बाद ही कोई काम कराया जा सकता है वो भी केवल खास परिस्थितियों में ही संभव है। मेरठ छावनी क्षेत्र में इन दिनों विकास की बयार चल रही है। अरसे से बाट जा रहे कई बदहाल सड़कों की मरम्मत करा दी गयी है। वैसे ज्यादार सड़के नए सिरे से बनवा दी गयी हैं। अरसे बाद कैंट की सड़कों को नया लुक दिया गया है। खराब आदतें कर रहीं सड़कों का सत्यानाश: छावनी क्षेत्र में जहां सड़कों को पूरी तरह से नया लुक दिया गया है, उनमें से कुछ इलाके ऐसे हैं जहां लोगों की खराब आदतें सड़कों का हुलिया बिगाड़ रही हैं। उनका सत्यानाश करने पर तुली हैं। वेस्ट एंड रोड से काली पलटन मंदिर मार्ग की ओर जाने वाली सड़क को बाबा औघड़नाथ मंदिर के आसपास रहने वाले खाना बदोशों की कारगुजारी ने बुरे हाथ में ला दिया है। दरअसल यहां रहने वाले खानाबदोश जो दिन में मंदिर के आसपास भीख मांगते हैं उन्होंने सड़क के दोनों ओर झुग्गी डाल दी हैं। ये लोग रहना खाना वहीं करते हैं। इनकी झुग्गियों से निकलने वाला पानी सड़क पर फैलता है। जिसकी वजह से वहां से तेजी से गुजरने वाले वाहनों से सड़क टूट गयी है। वहां गडढे हो गए हैं। यह सब पानी की निकासी न होने के चलते हो रहा है। अन्यथा यह सड़क बेहद शानदार बनायी गयी थी।