कैंट बोर्ड में राहुल रिटर्न्स-धमकी या..

जीओसी पर भारी बोर्ड की कारगुजारी
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कैंट बोर्ड में राहुल रिटर्न्स-धमकी या.., कैंट बोर्ड मेरठ से संविदा कर्मी राहुल नाम के जिस ड्राफ्टमैन को धन उगाही सरीखे गंभीर आरोपों के चलते माह अप्रैल में तत्कालीन सीईओ ने जांच में आरोप सही पाए जाने पर बर्खास्त कर दिया था, उसी राहुल की पुन कैंट बोर्ड में वापसी को लेकर स्टाफ में तमाम तरह की चर्चाएं हैं। हम इसकी पुष्टि नहीं करते, लेकिन स्टाफ की मानें तो बर्खास्त संविदा कर्मी ड्राफ्टमैन की बोर्ड में वापसी, उसकी इंजीनियरिंग सेक्शन की धन उगाही की पोल मीडिया के समक्ष खोल देने की धमकी के बाद ही हो सकी है।  इस प्रकार के तमाम कामों की लिखित शिकायत मिलने के बाद तत्कालीन सीईओ ने जांच कराई। जांच में आरोप सही पाए गए और संविदा कर्मी राहुल को बर्खास्त कर दिया गया। जानकारों की मानें तो बर्खास्तगी के बाद वापसी होने के उक्त आरोपी बर्खास्त बोर्ड कर्मी चुप नहीं बैठा। उसने इंजीनियरिंग सेक्शन के अपने आकाओं (चर्चा एई व जेई की है ) की पोल खोलने की धमकी देनी शुरू कर दी। सुना जाता है उसके बाद ही बर्खास्त ड्राफ्टमैन की वापसी का अंकगणित बैठाया गया। बर्खास्त संविदा कर्मी ड्राफ्टमैन की वापसी का केवल अंकगणित ही नहीं बैठाया गया, बल्कि उसकी बोर्ड में वापसी  भी करा  दी गयी। इस वापसी से सीईओ समेत पूरा कैंट प्रशासन सवालों के घेरे में है। विश्वस्त सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि यह मामला अध्यक्ष छावनी परिषद ब्रिगेडियर  के संज्ञान में भी लाया गया है।दूसरी ओर  ऐसा क्या हुआ कि तत्कालीन सीईओ ने धन उगाही के जिन आरोपों को  सही पाया था क्या तत्कालीन सीईओ के यहां से जाने के बाद वो आरोप गलत साबित हो गए और यह संविदा कर्मचारी दूध का धुला साबित हो गया। या फिर जैसे की सुनने में आ रहा है कि इंजीनियरिंग सेक्शन के एई  पर उसकी धमकियां काम कर गयीं।  22B ट्रेड लाइसेंस कांड में पूरे बोर्ड प्रशासन जिसमें अध्यक्ष छावनी परिषद ने आरोपित कर्मियों पर सख्त कार्रवाई करते हुए निलंबित भी किया था, लेकिन बर्खास्त की वापसी सवाल तो पूछा जाएगा। बड़ा सवाल यही कि 18 को होने जा रही बोर्ड बैठक में यह मामला उठेगा।

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