कैंट बोर्ड: अवैध निर्माण पर कांप रहे हाथ, छावनी क्षेत्र में भारी भरकम रकम लेकर जहां अवैध निर्माण कराए, वहां कार्रवाई करने में अब कैंट बोर्ड मेरठ के इंजीनियरिंग सेक्शन के अफसरों के हाथ कांप रहे हैं। उनकी हालत एक तरफ कुंआ और दूसरी ओर खाई सरीखी है। इसको इस तरह से समझा जा सकता है। बाउंड्री रोड स्थित 22बी रिहायशी बंगला अवैध निर्माण को लेकर जो हाईकोर्ट के आदेश पर सील किया जाता है, सील तोड़कर उसमें अवैध होटल बना दिया जाता है। इसको लेकर मोटा लेनदेन होता है। यह बात अब जगजाहिर हो चुकी है। लेकिन कमांडर के आदेश के बाद भी उस पर सील नहीं लगायी जाती है। कई माह का समय निकाल दिए जाने के बाद भी जब लगाने के नाम पर जो नोटंकी होती है, उसके भी खेल का खुलासा हो चुका है। चंद घंटों में ही सील तोड़कर अवैध होटल में कारोबार शुरू कर दिया जाता है। इसके बाद भी हाईकोर्ट में बोम्बे माल की तर्ज पर अवमानना का केस नहीं दायर किया जाता। ठीक वैसा ही छावनी में कराए गए अवैध निर्माणों के मामले में है। दरअसल जितने भी अवैध निर्माण कराए गए हैं वो सभी भारी भरकम रकम लेने के बाद ही कराए गए हैं। जब तक सेटिंग नहीं तब तक अवैध निर्णाण नहीं, लेकिन अब मुसीबत यह है कि भर्ती घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने जांच का दायर बढ़ा दिया है। जानकारों की मानें तो डायरेक्टर मध्य कमान ने अवैध निर्माणों समेत बाकि घपलों और घोटालों को लेकर जो रिपोर्ट मिनिस्ट्री में भेजी है, उस पर भी जांच का दायरा बढ़ना लगभ तय है। इसी को सारी मुसीबत की जड़ माना जा रहा है। जिन अवैध निर्माणों के नाम पर जमकर उगाही की गयी है, उनके खिलाफ भला कैसे कार्रवाई की बात सोची जा सकती है। लेकिन यह भी सच्चाई है कि यदि कार्रवाई नहीं की तो फिर खुद की गर्दन फंसना भी तय है। यही वजह है कि अवैध निर्माणों पर जेसीबी लगाने में हाथ कांप रहे हैं और हथोड़ा गैंग सो रहा है। जिस पर सेलरी के नाम पर कैंट बोर्ड हर माह लाखों उड़ा रहा है।