मुटेशन व नक्शों के खेल की रहे पर्दादारी, -जरूरी है फिर भी अपलोड नहीं- रक्षा मंत्रालय के स्पष्ट और सख्त आदेश हैं कि पब्लिक को जिन सूचनाओं का दिया जाना जरूरी है, वो वेबसाइट पर जरूर अपलोड की जाएं, लेकिन मेरठ कैंट बोर्ड के अफसरों व पब्लिक के चुने कुछ नुमाइंदों ने रक्षा मंत्रालय के इन अनिवार्य निर्देशाें व आदेशों का इसलिए पालन नहीं किया ताकि मुटेशन व नक्शों के नाम पर जो खाईबाई का खेल चल रहा है, उस पर पर्दा पड़ा रहे। सालों से चली आ रही यह कारगुजारी अब कैंट बोर्ड के अफसरों के गले की फांस बनने जा रही है। दरअसल कैंट बोर्ड के कुछ अफसरों व बोर्ड के सदस्यों के इस खेल की शिकायत रक्षा मंत्रालय व डीजी डिफैंस तक भी पहुंची है। किस तरह से मुटेशन व नक्शों के नाम पर खेल चल रहा है। शिकायत का संज्ञान लेकर रक्षा मंत्रालय ने विगत 4 नवंबर 2022 को मेरठ कैंट बोर्ड समेत देश भर की छावनियों को सख्त लहजे में निर्देश दिए हैं कि बोर्ड के सभी बैठकों को एजेंडा बोर्ड के अध्यक्ष व सदस्यों को जिस दिन भेज जाए, उसी दिन वेवसाइट पर भी अपलोड कर दिया जाना चाहिए। 4 नवंबर के आदेश में रक्षा मंत्रालय ने इसको अनिवार्य या कहें बाध्यतापूर्ण बताया है। रक्षा मंत्रालय को देश भर की छावनियों को इस प्रकार के निर्देश देने की नौबत मेरठ कैंट बोर्ड के खेल का खुलासा कर दिए जाने के बाद आयी।दरअसल हो यह रहा था कि सालों से यानि सीईओ राजीव श्रीवास्तव के कार्यकाल के उपरांत और सीईओ प्रसाद चव्हाण का कार्यकाल शुरू होने के साथ यही बोर्ड बैठकों का ऐजेन्डा अपलोड न किए जाने का खेल शुरू हो गया था। यह खेल आज भी जारी है। दरअसल ऐजेंडा अपलोड न करने के पीछे असली खेल मुटेशन व नक्शाें के नाम पर जो लेनदेन होता था, वो जगजाहिर न हो जाए, उस पर पर्दा पड़ रहे, लेकिन रक्षा मंत्रालय के पत्र के यह खेल अब गले की फांस बनता नजर आ रहा है। पत्र में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि ऐजेंडा की जानकारी मीडिया को भी दिया जाना बाध्यतापूर्ण है।