कैंट बाेर्ड: नए दावेदार बने हैं चुनौती, हालांकि रक्षा मंत्रालय ने अभी देश के कैंट बोर्ड के चुनाव को एलान नहीं किया है, लेकिन नए दावेदार सदस्यों के लिए चुनौती ही नहीं बल्कि मुसीबत बनने जा रही हैं। मेरठ कैंट बोर्ड के वार्ड तीन को यदि अपवाद मान लिया जाए तो बाकि सभी सात वार्डों में मुकाबला कड़ा है। वार्ड एक में रिनी जैन के पति अनंत जैन के लिए प्रयास उर्फ सनी यादव मुश्किल खड़ी करेंगे। आलोक रस्तौगी छिपे रूस्तम साबित हो सकते हैं। वार्ड दो में बुशरा के पति अजमल की राह का कांटा छावनी मंडल अध्यक्ष विशाल कन्नौजिया, पुनीत शर्मा व डौली गुप्ता बन सकते हैं।वार्ड तीन ही एक मात्र कैंट का ऐसा वार्ड है जहां उपाध्यक्ष बीना वाधवा से कोई पंगा लेने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा। दरअसल पब्लिक में उनका काम उनकी पहचान बना है। यहां डोली गुप्ता व डोली पासी भी कतार में हैं, लेकिन वार्ड की जनता का कहना है कि आए कोई भी लेकिन पहली व आखिरी पंसद बीना वाधवा है। वार्ड चार में नीरज रौठार के लिए उनके पड़ौसी व पत्रकार गौरव गोयल व प्रदीप यादव ताल ठोक रहे हैं। गौरव को मजबूत दावेदार माना जा रहा है। इसके अलावा इस वार्ड में प्रदीप यादव भी नीरज के लिए चुनौती साबित हो सकते हैं। महिला दावेदारों में सीमा अग्रवाल भी तैयारी कर रही हैं। वार्ड पांच की यदि बात की जाए तो पिछले चुनाव में सिर्फ अनिल जैन ही एक मात्र ऐसे मैंबर हैं जो भाजपा के नाम पर जीते थे वर्ना बाकि सब हार गए थे। यह बात अलग है कि बाद में राजनीतिक मजबूरियों के चलते सभी भाजपाई बन गए। इस वार्ड में निवर्तमान मैंबर अनिल जैन के अलावा अमन गुप्ता, आरएसएस पृष्ठभूमि से आने वाली रीना सिंहल पत्नी राजेश सिंहल की भी दावेदारी मानी जा रही है। वार्ड छह से चुनाव जीती मैंबर इस दुनिया में नहीं रहीं, लेकिन इस वार्ड में सबसे मजबूत दावेदार नितिन बालाजी को माना जा रहा है। उनके अलावा गौरव गोयल, राजेश या फिर रीना सिंहल, वैभव व अल्का गुप्ता की चर्चा है। वार्ड सात में धर्मेन्द्र सोनकर के मुकाबले में राजू रौदिया व गोविंद सोनकर तथा वार्ड आठ में विपिन सोढी के लिए राजेश सेठी चुनौती बन सकते हैं।