कैंट बोर्ड: पैसा बोलता है

कैंट बोर्ड: रोड निर्माण की जांच
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कैंट बोर्ड: पैसा बोलता है, मेरठ। भ्रष्टाचार के अंधेर में आकंठ डूबे कैंट बोर्ड में सिर्फ पैसा बोलता है। यदि पैसा है तो फिर अवैध निर्माण से लेकर सरकारी जमीन पर कब्जा हो या फिर बाउंड्री रोड स्थित बंगला 22 बी को ट्रेड लाइसेंस की वैसा ही कोई काम या फिर सदर रंगसाज मोहल्ला में कैंट बोर्ड से पास नक्शे के विपरीत निर्माण कर सड़क को कब्जा लिया जाना। ऐसा नहीं कि कैंट बोर्ड में केवल आउटर से ही काम की एवज में पैसा लिया जाता है। स्टाफ खासतौर से गरीब सफाई कर्मचारियों का प्रमोशन हो या फिर भर्ती बगैर पैसा कुछ होने वाला नहीं और यदि पैसा है तो सब कुछ संभव है। यह बात सीबीआई के छापे से पूरी तरह से साफ हो गयी है। वहीं दूसरी ओर प्रमोशन के नाम पर की गयी धन उगाही की शिकायत पर सोमवार की दोपहर बाद यानि एक दिन पहले कैंट बोर्ड पहुंची सीबीआई आज सुबह मंगलवार तडके चार बजे के बाद ही बोर्ड से रवाना हुई। अपुष्ट सूत्रों ने जानकारी दी है कि सीबीआई टीम के अफसरों द्वारा तलब किए जाने के बाद सीईओ कैंट भी बोर्ड कार्यालय पहुंच गए थे। वह भी तडके चार बजे तक जब तक सीबीआई के अफसर बोर्ड से निकल नहीं गए तब तक वहीं पर डटे रहे। हालांकि पूछताछ को लेकर कोई ब्योरा नहीं मिल सका है। लेकिन जानकारों की मानें तो ऐसा संभव ही नहीं कि सीईओ से पूछताछ न की गयी हो, क्योकिं सुपरवाइजर के पद पर प्रमोशन के नाम पर अंजाम दिए गए जिस घूसकांड की जांच को सीबीआई के अफसर पहुंचे थे वह सीईओ की सहमति के बगैर संभव नहीं। ऐसा अपुष्ट सूत्रों का मानना है। अब यदि बात की जाए इस पूरे कांड की तो अपुष्ट सूत्रों से पता चला है कि इस सारे खेल के मास्टर मांइड ओएस जयपाल तोमर थे। फी व्यक्ति ढाई लाख का कलेक्शन अपुष्ट सूत्र बता रहे हैं। कुल 15 लाख का कलेक्शन हुआ, जिसका बड़ा हिस्सा बड़े साहव को दिया जाना लाजमी था और ऐसा किया भी गया ऐसी चर्चाएं हैं। प्रमोशन कांड में फिलहाल बलि का बकरा संजय कुमार बनाए गए हैं। दूसरा स्टाफ इस बात पर हैरानी जता रहा है कि संजय के अलावा प्रमोशन कांड़ के जो दूसरे किरदार हैं, सीबीआई की टीम उन पर कब हाथ डालेगी। अपुष्ट सूत्रों की माने ंतो शिकंजे में फंसे संजय कुमार ने तो सभी का नाम तफसील से बता दिया था। यहां तक सुना जाता है कि उगाही की रकम का बंटवारा भी साठ व चालिस फीसदी के अनुपात में किया गया।

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