कैंट विधायक को लोकेश का ज्ञापन

कैंट विधायक को लोकेश का ज्ञापन
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कैंट विधायक को लोकेश का ज्ञापन, उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उत्तर प्रदेश पंजीकृत के प्रांतीय अध्यक्ष लोकेश अग्रवाल ने शनिवार को कैंट विधायक अमित अग्रवाल को ज्ञापन दिया। उनके साथ कई व्यापारी भी कैंट विधायक के आवास पर पहंचे थे। लोकेश अग्रवाल के दिए ज्ञापन में कहा गया है कि दिल्ली-मेरठ की यातायात को सुगम करने के लिए रैपिड रेल परियोजना पर काम चल रहा है। रैपिड रेल परियोजना रामलीला ग्राउंड, दिल्ली रोड, मेरठ से अंडर ग्राउंड जानी है, पिछले 1 वर्ष से अधिक समय से लगातार कार्य चलने के कारण फुटबॉल चौक से दिल्ली रोड की व्यापार व्यवस्था रैपिड रेल द्वारा लगाई जा रही बैरिकेडिंग के कारण पूर्ण रूप से ठप्प है।  फुटबॉल चौक से दिल्ली रोड को 6 माह के लिए पूर्णता बंद कर दिया जाएगा। करोना कॉल के बाद से व्यापारी लगातार आर्थिक परेशानियों से जूझ रहा है। रैपिड रेल के अधिकारियों द्वारा व्यापारियों की दुकानें भी तोड़े जाने की बात लगातार की जा रही है, जिसकी स्पष्ट जानकारी व्यापारियों के पास उपलब्ध नहीं हो पाती है कि किस व्यापारी की दुकान कितना टूटेगी तथा व्यापारी को दुकान टूटने का क्या मुआवजा मिलेगा। इन परिस्थितियों में व्यापारी भय के वातावरण में अपना व्यापार कर रहा है पता नहीं कब बुलडोजर चलेगा और व्यापारी की दुकान टूट जाएगी। बैंक का ब्याज, बिजली के बिल, स्टाफ की तनख्वाह, हाउस टैक्स, जीएसटी, लाइसेंस-रजिस्ट्रेशन की रिनुअल फीस व अन्य सभी खर्चों का भार व्यापारी पर है। कैंट विधायक की मार्फत सरकार से मांग की गयी है कि  फुटबॉल चौक से दिल्ली रोड के ट्रैफिक को बंद न किया जाये। रोड बंद होना अति आवश्यक होने की दशा में व्यापारियों के बिजली के बिल, हाउस, टैक्स, जीएसटी, बैंक के ब्याज, लेबर की तनख्वाह व घर के खर्चे के लिए प्रत्येक दुकानदार को रू0 एक लाख मासिक दिए जाने की व्यवस्था की जाए, जिससे व्यापारी अपने परिवार के जीवन यापन की व्यवस्था कर सकें।  रैपिड रेल निर्माण के लिए अधिग्रहण किए जाने वाली दुकानों के क्षेत्र की गणना नाली या नाले से की जाए।  रैपिड रेल निर्माण के कारण सड़क के दोनों और तोड़ी जाने वाली दुकानों के नुकसान का आंकलन कर सर्किल रेट का 5 गुना मुआवजा जमीन बिल्डिंग फर्नीचर फिटिंग आदि का दुकानों को तोडे जाने से पूर्व व्यापारियों से सहमति बनाकर भुगतान करने के बाद दुकानों को तोड़ा जाए।. विस्थापित होने वाले व्यापारियों को विस्थापन का मुआवजा एक करोड रुपए प्रत्येक दुकानदार को दिलाया जाए।

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