CCSU में रानी लक्ष्मीबाई पर गोष्ठी, साहित्यिक सांस्कृतिक परिषद चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के तत्वाधान में विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के वीर बंदा बैरागी सभागार में रानी लक्ष्मीबाई की 164 वी पुण्यतिथि के अवसर पर विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ । बुंदेले हर बोले के मुंह से हमने सुनी कहानी थी-खू लड़ी मरदानी वह तो झांसी वाली रानी थी। रानी लक्ष्मीबाई का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं- भारत के स्वातंत्रता संग्राम के दौरान ऐसे कम ही भारतीय स्वतंत्रता वीर हुए हैं जिनकी बहादुरी की अंग्रेजी हुकूमत ने भी तारीख की। इन्हीं में ही एक थीं झांसी की रानी लक्ष्मीबाई। रानी लक्ष्मीबाई के नाम से अंग्रेजी हुकूमत की चूलें हिला करती थीं। ऐसे ही महान वीरांगना लक्ष्मीबाई की पुण्यतिथि पर सीसीएसयू में यह आयोजन किया गया।
गुरू विजयानंद का व्याख्यान
इस विचार गोष्ठी के मुख्य वक्ता के रूप में गुरु विजयानंद ने रानी लक्ष्मीबाई के आदर्शों, उनकी संघर्षशील जीवन गाथा से प्रेरणा लेने पर बल दिया ।उन्होंने कहा थी निश्चित रूप से वह एक प्रेरक शक्तिपुंज थी। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के तौर पर मोटिवेटर श्री पवित्र नारायण शर्मा एडवोकेट ने भी रानी लक्ष्मीबाई के समस्त जीवन से प्रेरणा लेकर उनके जैसी संघर्षशील व्यक्तित्व बनने पर प्रकाश डाला। इस विचार गोष्ठी में साहित्यिक सांस्कृतिक परिषद के सदस्य डॉ कुलदीप कुमार त्यागी मणिकर्णिका जिसे प्यार से बचपन में मनु कहा करते थे ऐसे मनु से रानी लक्ष्मीबाई तक की संघर्षशील जीवनी को उद्धत करते हुए डॉ त्यागी ने बताया कि किस प्रकार अपनी अदम्य साहस जीवटता व देश प्रेम की भावना और अपनी आजादी के लिए मर मिटने का जज्बा रानी लक्ष्मीबाई मैं था। डॉ योगेश कुमार ने भी इस वीरांगना के अनछुए बिंदुओं पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ अनीता कशिश मुरादाबादी ने की। परिषद की ओर से डॉ कुलदीप त्यागी ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर शाजिया जैदी, विवेक कुमार सहित 5 दर्जन से अधिक विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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