CEO कैंट से मिले भाजपाई, कैंट विधायक अमित अग्रवाल व नामित सदस्य छावनी परिषद डॉ सतीश शर्मा, छावनी मण्डल अध्य्क्ष विशाल कनोजिया] अंकित सिंघल, अमन गुप्ता, महामंत्री नितिन कंसल, गौरव हुरया ने छावनी की विभिन्न समस्याओंपर छावनी परिषद के सीईओ से विस्तार से चर्चा की। सीईओ ज्योति सिंह के अलावा ऑफिस सुप्रीटेंडेंट जफर भी मौजूद रहे। भाजपा नेताओं की साेमवार को हुई इस मुलाकात में चौंकाने जैसा कुछ नहीं है, या यूं कहा जाए कि इस पहली मुलाकात को लेकर भाजपाई बुरी तरह उतावले थे। उतावले इसलिए क्योंकि महानगर भाजपा महिला मोर्चा की डोली गुप्ता के परिवार के सदस्य का सरकारी नाली पर अवैध कब्जा कर किया गया अवैध निर्माण तोड़ने को लेकर जो फजीहत भाजपाइयों की हुई थी, वह किसी से छिपी नहीं है। दरअसल कैंट बोर्ड के दस्ते के आगे तब भाजपाई सरेंडर की मुद्रा में आ गए थे। यह बात कहीं न कहीं जरूर कचोट रही थी कि सरकार केंद्र व प्रदेश में हमारी फिर भी कोई नहीं सुनता हमारी। सो तय किया गया कि सीईओ कैंट से मिला जाएगा। लेकिन कैंट विधायक अमित अग्रवाल की व्यस्तता के चलते सीईओ कैंट से मुलाकात का इंतजार लंबा होता चला गया। लेकिन सोमवार को यह इंतजार खत्म हो गया। मुलाकात करा दी गयी। अब बात की जाए कि डोली गुप्ता प्रकरण की। कैंट क्षेत्र में अवैध निर्माण भी हो रहे हैं और आए दिन कार्रवाई भी, लेकिन एक फर्क जरूर है, डोली गुप्ता के परिवार के सदस्य सरीखा कोई अवैध निर्माण पर हथौड़ा चलता है तो पूरी भाजपा मैदान में होती है, किसी करीब के अवैध निर्माण पर हथोड़ा चलता है तो सन्नाटा। हां रस्म आदयगी को विरोध के नाम पर बयानबाजी। लेकिन बड़ी बात यह कि धन्नासेठ जो अवैध निर्माण पूरे कैंट में करते हैं उन पर न तो कैंट बोर्ड का हाथोड. चलता है और न ही ऐसे अवैध निर्माणों पर भाजपाई मुंह खोलना पसंद करते हैं। कारण कुछ भी हो दूध का धुला कोई नहीं। इसका सबूत पूरे कैंट में खड़ा किया कंकरीट का जंगल है।