चार्ज से पहले योगेश बहाल, FIR की आहट

इंटेलीजेंस के रडार पर कैंट घमासानx
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चार्ज से पहले योगेश बहाल, FIR की आहट, कैंट बोर्ड में ज्योति कुमार सिंह के चार्ज से कैंट बोर्ड के सेनेट्री सेक्शन के इंस्पेक्टर योगेश यादव जिन्हें जाते-जाते नागेन्द्र नाथ नाप गए थे, को रातों रात बहाल कर दिया गया है। इसके अलावा डोर टू डोर प्रकरण को लेकर कैंट बोर्ड या कर्मचारी यूनियन की ओर से FIR की आहट भी सुनाई दे रही है। बुधवार को ज्योति कुमार सिंह के चार्ज की तमाम तैयारियां पूर कर ली गयीं। हालांकि दोपहर तक उनकी लोकेशन माल रोड के आशियाना में मिल रही थी, लेकिन कर्मचारी व सेक्शनों के तमाम  हेड ने बुके मंगा कर तैयारी कर ली थी। वहीं दूसरी ओर पूर्व सीईओ नागेन्द्र नाथ को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। हाईकोर्ट ने उनके मामले की सुनवाई के लिए 15 अप्रैल मुकर्र की है। जानकारों की मानें तो कैंट बोर्ड में अभी तक जो कुछ हुआ है मसलन नागेन्द्र नाथ का प्रमोशन, कैंट बोर्ड सेनेट्री सेक्शन के इस्पेक्टर योगेश की ओर से गंभीर आरोप व उनकी जांच की मांग। योगेश यादव के खिलाफ जाने से पहले आय से अधिक संपत्ति के कथित आरोपाें के चलते लिखा पढ़ी, डीईओ हरेन्द्र के पास सीईओ का चार्ज और कैंट बोर्ड के सीईओ के तौर पर लंबी पारी पर पानी का फिर जाना और आज यानि बुधवार को ज्योति कुमार का यहां पहुंच जाना, इन तमाम बातों को कैंट बोर्ड के सूत्र केवल ट्रेलर भर मान कर चल रहे हैं, उनका कहना है कि पिक्चर तो अभी बाकि है। इस पिक्चर में सस्पेंस वाले सीन ज्यादा बताए जा रहे हैं। साजिशें भी खूब देखने को मिल सकती हैं, लेकिन इंतजार करना होगा। लेकिन पता चला है कि डोर टू डोर ठेके को लेकर थाना सदर बाजार में आने वाले दिनों में FIR करायी जा सकती है। इसके लिए भी इंतजार करना होगा

रिपोटिंग के बजाए वाट्सअप-बाटसअप का खेल

कैंट क्षेत्र में अवैध निर्माणों को लेकर नियमित रूप से रिपोटिंग का नियम है, लेकिन नागेन्द्र नाथ के जाने के बाद जब चार्ज हुआ और फाइलों की धूल झड़ी तो पता चला कि साल 2019 से कोई रिपोटिंग ही किसी ने नहीं की है। यह काम सेनेट्री व इंजीनियरिंग सेक्शन को अलग-अलग तरीके से करना होता है। इस कारगुजारी पर संबंधित को नोटिस थमा कर सफाई मांगी गयी जो जवाब दिया गया, वो बेहद हास्यास्पद है। जवाब में कहा गया है कि सीईओ प्रसाद चव्हाण के कार्यकाल में अवैध निर्माण की रिपोटिंग पर रोक लगा दी गयी थी, केवल वाट्सअप ग्रुप पर सूचना देने के निर्देश थे, उसी के तहत वाट्सअप-बाट्सअप चल रहा था। ऐसे ही कुछ और  खुलासे newstracker24.in

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