रैपिड की पांचवीं टनल भी

रैपिड की पांचवीं टनल भी
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रैपिड की पांचवीं टनल भी, एनसीआरटीसी ने दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर मेरठ में पांचवी टनल का निर्माण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया। इस टनल का निर्माण कर रही सुदर्शन 8.1 (टनल बोरिंग मशीन) ने भैंसाली से बेगमपुल के बीच लगभग 1 किमी की टनल का निर्माण पूरा कर आज शनिवार, 24 जून 2023 को बेगमपुल स्टेशन पर निर्मित टनल रिट्रीविंग शाफ्ट पर ब्रेकथ्रू किया। इस सेक्शन में टीबीएम द्वारा टनलिंग करना एक चुनौतीपूर्ण काम था। इस सेक्शन में टनल शहर के भीड़ भाड़ वाले इलाक़ों को पार करती हुई, बेगमपुल नाले के नीचे से होती हुई बेगमपुल स्टेशन तक पहुँचती है। सुदर्शन 8.1 द्वारा नाले को पार करने के लिए नवीनतम तकनीकों का उपयोग किया गया और विशेषज्ञों द्वारा पूरी सतर्कता बरती गई। इस सेक्शन में 600 मीटर रेडियस का एक बहुत ही तीखा मोड़ भी था, जहाँ टीबीएम द्वारा टनलिंग करना एक कठिन काम था। इन तमाम कठिनाइयों के बावजूद, टीम एनसीआरटीसी ने पूरी तत्परता और सावधानी से इसे सफलतापूर्वक संभव बनाया। इस टनल का ब्रेकथ्रू ज़मीन से 14 मीटर गहराई में किया गया है। उल्लेखनीय है कि आरआरटीएस के भूमिगत कॉरिडोर में ट्रेनों की आवाजाही के लिए दो समानांतर टनल निर्मित की जाती हैं। यह मेरठ के तीसरे और आखिरी भूमिगत सेक्शन की पहली समानांतर टनल है। सुदर्शन 8.2 भैंसाली से बेगमपुल के बीच इस नव-निर्मित टनल की समानांतर टनल का निर्माण कर रही है और लगभग 70 प्रतिशत निर्माण पूरा कर लिया है। इस टनल का निर्माण पूरा होते ही मेरठ में टनलिंग का कार्य पूरा हो जाएगा। मेरठ में आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए कुल छ टनल का निर्माण किया जाना है, जिसमें से यह पांचवीं टनल है जिसका निर्माण पूरा कर लिया गया है। इस टनल का निर्माण कर रही सुदर्शन 8.1 ने इससे पहले दिसंबर में भैंसाली से मेरठ सेंट्रल स्टेशन तक की टनल का निर्माण सफलतापूर्वक पूरा कर मेरठ सेंट्रल स्टेशन की रिट्रीविंग शाफ्ट पर ब्रेकथ्रू किया था। वहाँ से रीट्रीवल के बाद इसे डिसमेंटल कर इसके कटर हेड और शील्ड को ट्रेलरों पर लाद कर भैंसाली स्टेशन पर बनाई गई लॉन्चिंग शाफ्ट में पहुंचाया गया था, जहाँ इसे फिर से असेंबल करके इस टनल के निर्माण के लिए पुन: लॉन्च किया गया था। सुदर्शन एक अत्याधुनिक एवं सोफिस्टिकेटेड टनल बोरिंग मशीन है जिसका हर पार्ट बहुत डेलिकेट होता है, ऐसे में रीट्रीवल के बाद इसकी जाँच कर इसके पार्ट्स को रिपेयर और रीप्लेस किया जाता है। फिर सभी पार्ट्स को जोड़कर टीबीएम की टेस्टिंग की जाती है। इसके सुरक्षित एवं कुशल कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के बाद ही इसे टनल निर्माण हेतु लॉन्च किया जाता है। भैंसाली से बेगमपुल के बीच बनाई गई इस लगभग 1 किमी लंबी सुरंग के निर्माण के लिए 4500 से अधिक प्री-कास्ट सेगमेंट का उपयोग किया गया है। टनलिंग प्रक्रिया में, इन सेगमेंट को बोर की गई टनल में इंसर्ट किया जाता है और सात खंडों को जोड़कर एक रिंग का निर्माण किया जाता है। प्रत्येक सेगमेंट 1.5 मीटर लंबा और 275 मिमी मोटा होता है। इन सेगमेंट और रिंग को बोल्ट की मदद से जोड़ा जाता है। इन टनल सेगमेंट की कास्टिंग एनसीआरटीसी के शताब्दी नगर स्थित कास्टिंग यार्ड में, सुनिश्चित गुणवत्ता नियंत्रण के साथ की जा रही है। आरआरटीएस परियोजना को निर्धारित समय सीमा के अनुसार कार्यान्वित करने के लिए 24X7 युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है। मेरठ सेंट्रल, भैसाली और बेगमपुल, मेरठ में तीन भूमिगत स्टेशन हैं, जिनमें से मेरठ सेंट्रल और भैंसाली मेरठ मेट्रो स्टेशन हैं, जबकि बेगमपुल स्टेशन आरआरटीएस और मेट्रो, दोनों सेवाएँ प्रदान करेगा। एनसीआरटीसी मेरठ में आरआरटीएस नेटवर्क पर ही स्थानीय पारगमन सेवाएं, मेरठ मेट्रो प्रदान करने जा रहा है, जिसमें 21 किमी की दूरी में 13 स्टेशन होंगे। एनसीआरटीसी का लक्ष्य है कि संपूर्ण कॉरिडोर को 2025 तक जनता के लिये परिचालित कर दिया जाए।

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