DEO-CEO के स्टाफ पर सवाल, मेरठ छावनी के माल रोड से बीआई लाइन इलाके में स्थित बंगला-45-बीआई लाइन में सीईओ व डीईओ कार्यालय की नाक के नीचे लगातार अवैध निर्माण जारी है। उल्लेखनीय है कि छावनी के बीआई लाइन बंगला-45 की गूंज इन दिनों मेरठ के सीईओ व डीईओ कार्यालय से लेकर जीई नार्थ कार्यालय से होते हुए मध्य कमान लखनऊ में बैठने वाले अफसरों तक सुनी जा रही है। सेना की हायरिंग वाले इस बंगले की यदि बात की जाए तो रिज्यूम मसलन खाली कराए जाने वाले जिन तीन बंगलों की सूची की बात सुनने में आयी है उनमें बंगला 45-बीआई लाइन में भी शामिल है। इसके लिए सेना के स्तर से फाइलों में तभी कार्रवाई करीब-करीब पूरी हैं, उसके बाद ही 45-बीआई लाइन रिज्यूम किए जाने वाले बंगलों में शुमार किया गया है। जिस बंगले को रिज्यूम कराकर सेना को उसकी जरूरत को देखते हुए हैंड ओवर किया जाना चाहिए था, उस बंगले में बताया जाता है कि अभी भी निर्माण का काम जारी है। निर्माण का काम जारी होने की वजह से तमाम लोग डीईओ व सीईओ कैंट कार्यालय में बैठने वाले स्टाफ पर सवाल उठाते हुए पूछ रहे हैं कि कार्रवाई करनी है या फिर हाथ मिला लिया है। ऐसा क्या है जो इस बंगले में किया जाने वाला अवैध निर्माण नहीं रोका जा रहा है। या फिर यह मान लिया जाए कि रिज्यूम कराकर बजाए सेना को सौंपने के 45 बीआई लाइन को येन-केन-प्रकारेण अदालत की मार्फत बचाव का रास्ता तलाशने का मौका इस पर काविज लोगों को दिया जा रहा है। ऐसे सवाल तब तक पूछे जाएंगे जब तक कि डीईओ व सीईओ कार्यालय का स्टाफ हरकत में आना नजर नहीं आएगा।