दुहाई के लिए रैपिड रवाना, एनसीआरटीसी इस साल के अंत तक दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के प्रायोरिटी सेक्शन पर ट्रायल रन शुरू करने की योजना बना रहा है। मेरठ टू दिल्ली रैपिड प्रोजैक्ट के लिए भारत के प्रथम आरआरटीएस के प्रथम ट्रेनसेट को गुजरात के सावली से रवाना कर दिया गया है। इस सेमी-हाई-स्पीड एरोडायनामिक आरआरटीएस ट्रेनसेट को एल्सटॉम के फ़ैक्टरी से एक बड़े ट्रेलर पर रख कर भेजा गया है जो लगभग एक हफ्ते के यात्रा के बाद सड़क मार्ग से दुहाई डिपो, गाजियाबाद में पहुचेगी। आरआरटीएस की इस प्रथम ट्रेन को 7 मई, को सावली में स्थित मेसर्स एलस्टोम के फ़ैक्टरी में आयोजित एक कार्यक्रम में एनसीआरटीसी को सौंपा गया था। आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव एवं एनसीआरटीसी अध्यक्ष मनोज जोशी और एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह समेत अनेक एनसीआरटीसी अधिकारी इस कार्यक्रम में मौजूद थे। गाज़ियाबाद का दुहाई डिपो आरआरटीएस की प्रथम ट्रेन के आगमन के लिए तैयार है। इस डिपो में रेल लाइन बिछा दी गई हैं, वर्कशॉप के लिए शेड तैयार किए गए हैं और डिपो में ट्रेन की टेस्टिंग की तैयारी की जा रही है. आरआरटीएस ट्रेनों के संचालन के लिए डिपो में प्रशासनिक भवन भी बनाया गया है। रखरखाव के लिए दुहाई डिपो में 11 स्टेबलिंग लाइन, 2 वर्कशॉप लाइन, 3 इंटरनल-बे लाइन (आईबीएल) और एक हेवी इंटरनल क्लीनिंग (एचईसी) लाइन का निर्माण किया जा रहा है, जिनमें एक वर्कशॉप और एक आईबीएल लाइन का निर्माण अंतिम चरण में हैं, जबकि बाकी लाइनों का निर्माण पूरा हो चुका है। मेरठ मेट्रो के लिए 10 तीन कोच वाली मेट्रो ट्रेन सहित 40 ट्रेनों की डिलीवरी करेगा। इनमे 30 छ: कोच वाली आरआरटीएस ट्रेने होंगी । ट्रेनों के निर्माण के साथ ही आगामी 15 सालों तक इन ट्रेनों के रखरखाव का जिम्मा भी मेसर्स एलस्टोम का ही होगा। एलस्टोम ही संपूर्ण दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर के लिए डिजाइनिंग, आपूर्ति, इन्स्टालिंग, और परीक्षण सहित सिग्नलिंग एवं ट्रेन कंट्रोल की स्थापना, प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर और दूरसंचार प्रणाली की स्थापना का कार्य कर रहा है।
•