दूसरों का घर रौशन करने वाले खुद रहेंगे अंधेरे में

दूसरों का घर रौशन करने वाले खुद रहेंगे अंधेरे में,
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दूसरों का घर रौशन करने वाले खुद रहेंगे अंधेरे में,

-ऊर्जा मंत्री के वादे के बाद भी एक लाख कर्मी उत्पीड़न से हैं बेजार
-विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति का दीपावाली न मनाने का एलान
मेरठ। औरों का घर रोशन करने वाले बिजली महकमे के करीब एक लाख से ज्यादा कर्मचारी इस साल रौशनी के पर्व पर खुद अंधेरे में रहने को मजबूर हैं। उनकी इस व्यथा का कारण कोई अन्य नहीं बल्कि खुद उनका महकमा चलाने वाले उनके आका हैैं। जिनकी लेटलतीफ के चलते करीब एक लाख कर्मचारियों ने तय किया है कि इस साल रौशनी का पर्व दीपावली नहीं मनाएंगे। त्यौहार की रवायत है, इसलिए केवल सांकेति तौर पर पूजा अर्चना भर घर में करेंगे, लेकिन त्यौहारी खुशियों से इस साल ये एक लाख कर्मचारी दूर रहेंगे।
भारी मुसीबत को अफसर ले रहे हल्के में
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे बताते हैं कि जिन कर्मचारियों की यहां बात की जा रही है उनका दुख उनकी परेशानी बहुत बड़ी है, लेकिन कई बार ध्यान दिलाए जाने के बाद भी इन कर्मचारियों की इस समस्या को लेकर अफसर कतई भी गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। बस दुख इसी बात का है।
ऊर्जा मंत्री की घोषणा के बाद भी राहत नहीं
सूबे की योगी योगी सरकार के ऊर्जा मंत्री अरविन्द कुमार शर्मा न 19 मार्च 2023 को समस्त उत्पीड़नात्मक कार्यवाइयां वापस लेने की घोषणा की थी। उनकी घोषण के बावजूद आज आठ माह बाद भी मामलों से संबंधित अफसर इन कर्मचारियों के खिलाफ जो भी उत्पीड़नात्मक कार्यवाईयां चल रही हैं उनको वापस लेने के लिए गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। इसी के चलते करीब एक लाख से अधिक बिजली कर्मी और उनके परिवार जन अत्यधिक व्यथित हैं और पीड़ा में हैं।
नहीं मनाएंगे दीपावली
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने कहा कि ऐसी स्थिति में प्रदेश के एक लाख से अधिक बिजली कर्मचारी, निविदा/संविदा कर्मी ,जूनियर इंजीनियर और अभियंता एवं उनके परिवारजन इस वर्ष दिपावली पर सांकेतिक पूजन करेंगे किन्तु कोई प्रकाश उत्सव नही मनाएंगे।
महज हक भर मांगा था
जिन बिजली कर्मचारियों को महकमे की ओर से उनके खिलाफ की गयी कार्रवाइयों को वापस लेने का इंतजार है, उनका कसूर केवल इतना था कि उन्होंने मार्च 2023 में बिजलीकर्मियों ने सांकेतिक हड़ताल की थी, जिस कारण बिजली कर्मियों पर निलम्बन, निष्कासन, आरोप पत्र, एफआईआर एवं विजिलेंस जांच आदि की उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों की गयी थी। तब से इन तमाम कर्मियों का दिन का चैन व रातों की नींद छिन गयी है। जब तक कार्रवाइयां वापस नहीं ले ली जातीं तब तक उनके सिर पर तलवार लटकी रहेगी।
सरकार के साथ कदम दर कदम
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे का कहना है कि दीपावली के अवसर पर प्रदेश के सभी ऊर्जा निगमों के बिजली-कर्मी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार प्रकाश पर्व पर अधिकतम बिजली आपूर्ति का कीर्तिमान बनाने हेतु कृत संकल्प है। संघर्ष समिति के निर्देश पर बिजली-कर्मी निर्बाध विद्युत आपूर्ति के कार्य में पूरी निष्ठा से दिन रात जुटे हुए हैं। साथ ही प्रदेश सरकार द्वारा जारी एकमुश्त समाधान योजना की सफलता हेतु भी बिजली कर्मी पूरी निष्ठा से जुटे हुए हैं। बिजली कर्मियों का पूरा प्रयास होगा कि प्रकाश पर्व पर बिजली का कोई व्यवधान न हो। लेकिन दुख उनकी खुशियों के बारे में सोचने की फुर्सत अभी अफसरों को नहीं।
अफसरों की नजरें इनायत का इंतजार
जो कर्मचारी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए ओर विभागीय कार्रवाई का सामना कर रहे हैं उन्हें बीते आठ माह से अफसरों की नजरें इनायत का इंतजार है। इन सबके बावजूद लगभग 08 माह बीतने के बाद भी बिजली कर्मियों का अति महत्वपूर्ण पर्व दिपावली पर भी उत्पीड़न समाप्त न किया जाना अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है जिससे व्यथित होकर बिजली कर्मियों ने प्रकाशोत्सव न मनाने का निर्णय बहुत भारी मन से लिया है। संघर्ष समिति के प्रमुख पदाधिकारियों जितेन्द्र सिंह गुर्जर,जय प्रकाश, जीवी पटेल, गिरीश पांडेय, महेन्द्र राय, सुहैल आबिद, पी.के.दीक्षित, आरबी सिंह, राजेंद्र घिल्डियाल, शशिकांत श्रीवास्तव,चंद्र भूषण उपाध्याय,डीके मिश्रा , मो वसीम,श्रीचंद,सी.एल. दीक्षित,के एस रावत, सरयू त्रिवेदी, प्रेमनाथ राय,मो इलियास,राम सहारे वर्मा, शरदेंदु सागर, मो नाजिम ने सीएम व ऊर्जा मंत्री से दीपावली के मौके पर उक्त कर्मचारियों को राहत का गिफ्ट देने का आग्रह किया है।

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