दीपावली गिफ्ट के बजाए बिजली कर्मियों को झटका

दीपावली गिफ्ट के बजाए बिजली कर्मियों को झटका
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दीपावली गिफ्ट के बजाए बिजली कर्मियों को झटका,

-समूह ग व घ के सैकड़ों कर्मचारियों की नौकरी पर लटकी तलवार
-पचास साल से ऊपर वाले कर्मचारियों की स्क्रीनिंग के नाम पर जा सकी है नौकरी
शेखर शर्मा
दीपावली जैसे बड़े त्योहार पर महकमे से गिफ्ट की उम्मीद कर रहे समूह ग व घ के कर्मचारियों को उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन लिमिटेड प्रशासन ने जोर का झटका धीरे से दिया है। जिसके चलते समूह ग व घ के कई कर्मचारियों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है। इससे कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है। उन्हें डर है कि पता नहीं स्क्रीनिंग के नाम पर किस-किस को नौकरी से बाहर कर दिया जाएगा। इस आश्य के आदेश जारी होने के बार पारेषण पश्चिम मेरठ क्षेत्रके समूह ग व घ के ऐसे कर्मचारी जो पचास बसंत देख चुके हैं वो खासे परेशान हैं। वहीं दूसरी ओर इस आश्य के आदेश को जारी किए जाने की टाइमिंग पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। इसको लेकर पारेषण पश्चिम मेरठ क्षेत्र को चलाने वाले अफसरों की भी आलोचना की जा रही है। कहा जा रहा है कि यदि कुछ ऐसा करना ही था तो इसको कुछ समय के लिए टाल देते तो बेहतर रहता। कम से कम ऐसे कर्मचारी जिन्हें लगता है कि स्क्रीनिंग के नाम पर उन्हें बाहर भी किया जा सकता है, सकून से दीपावली का पर्व तो मना लेते।
उप सचिव का चीफ को पत्र
उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन लिमिटेड के उप सचिव पारेषण प्रथम राम सूरत के हस्ताक्षर से एक सोमवार 7 नवंबर को प्रदेश के भर समस्त उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन लिमिटेड मुख्य अभियंताओं जिनमें पारेषण पश्चिम मेरठ क्षेत्र मेरठ के अलावा लखनऊ, आगरा, गोरखपुर, प्रयागराज, झांसी को प्रेषित पत्र में कहा है कि पचास साल से अधिक आयु के समूह ग व घ के आमेलित कार्मिकों की स्क्रीनिंग की जाए। समूह ग अवर अभियंता को छोड़कर एवं समूह घ के आमेलिक कार्मिकों जिन्होंने 31 मार्च 2023 को पचास साल की आयु पूरी कर ली है, की कार्य क्षमता का मूल्यांकन मसलन वो पचास साल के बाद काम करने लायक हैं या नहीं की स्क्रीनिंग संबंधित कार्यवाही कर कृत कार्यवाही यानि की सूची बनाकर मुख्यालय को अवगत कराया जाए।
समूह ग व घ में ये हैं आते
पारेषण पश्चिम मेरठ क्षेत्र के समूह ग के कर्मचारियों की बात की जाए तो इनमें अवर अभियंता व टीजी-टू, लेखा संवर्ग, कार्यालय सहायक, तकनीशियन लाइन मेन, तकनीशियन विद्युत व ड्राइवर आते हैं    तथा समूह घ में चपरासी, रनर, मैसेंजर, दफेदार, कूली, श्रमिक, कुशल श्रमिक, पेट्रोल मेन सरीखे शामिल हैं। समूह ग में शामिल टीजी-टू में इस बात को लेकर भी बेचैनी है कि अवर अभियंताओें को बख्श दिया गया, जबकि टीजी-टू जिन पर बिजलीघर से लेकर फीडर व लाइनों के रखरखाव का मुख्य जिम्मा होता है स्क्रीनिंग के नाम पर उनकी नौकरी पर तलवार लटका दी गयी।
कर्मचारियों में बेचैनी
इस आदेश के जारी होने के बाद उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के पारेषण पश्चिम मेरठ क्षेत्र समेत प्रदेश भर के सभी विद्युत वितरणों के समहू ग व घ के कर्मचारियों के खासा असंतोष व बेचैनी है। उनका कहना है कि यदि स्क्रीनिंग ही की जानी है तो उनकी की जाए तो दफ्तर में दिन भर एयरकंडीशन में बैठते हैं। पचास साल की आयु का जो कर्मचारी दिन भर पसीना बहाता है। इधर से उधर भागदौड़ करता है। सीढी कंधे पर रखकर दौड़ता है। दिन भर दफ्तर में भी ऊपर से नीचे नीचे से ऊपर न जाने कितने चक्कर काटता है। ऐसे कर्मचारियों की फिटनेस पर यदि सवाल उठाया जाता है तो ऐसे अफसर की सोच व काबलियत पर सवाल तो बनता है। कुछ को आशंका है कि स्क्रीनिंग में पास होने के लिए कहीं जेब न ढीली करनी पड़ जाए।
कहीं मार तो कहीं पुरस्कार
समूह ग व घ के कर्मचारियों पर स्क्रीनिंग के नाम पर नौकरी पर तलवार लटका दी गयी है, वहीं दूसरी ओर कुछ कर्मचारी यह भी सवाल उठा रहे हैं कि अधिक्षण अभियंता सरीखे कुछ अफसर सुबह सेवानिवृत्त होते हैं चंद घंटे बाद उन्हें महकमे में सलाहकार के पद पर नियुक्त कर दिया गया।

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