गरीब की झोपड़ी का लाखों का बिल वो भी कामर्शियल

गरीब की झोपड़ी का लाखों का बिल वो भी कामर्शियल
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गरीब की झोपड़ी का लाखों का बिल वो भी कामर्शियल, शहरी चकाचोंध से दूर गांव देहात में रहने वाले एक गरीब की अंधियारी झोपड़ी का पीवीवीएनएल अफसरों ने लाखों का बिल तो भेजा ही साथ ही और भी बड़ी कारगुजारी दिखाते हुए बिल कामर्शियल में भेजा गया है। सूबे के ऊर्जा राज्यमंत्री के गृह जनपद में यदि पीवीवीएनएल अफयरों का यह हाल है तो अन्य जिलों में पीवीवीएनएल अफसर गरीबों को कैसे-कैसे झटके दे रहे होंगे इसको आसानी से समझा जा सकता है। वहीं दूसरी ओर माना जा रहा है कि रेवेन्यू जेनरेट करने की चूहा दौड़ में लगे पीवीवीएनएल अफसर की आंखों पर बेख्याली का ऐसा चश्मा चढ़ा कि उन्हें गरीब की झोपड़ी नजर नहीं आयी जिसका कामर्शियल में बिल भेज दिया गया। अब इसको गरीब की बदकिस्मती कहें या फिर पीवीवीएनएल अफसरों की चूक!

यह पूरा मामला

ललियाना में कमर जहां पुत्र इरशाद निवासी ग्राम ललियाना पोस्ट खास जनपद मेरठ में शहरी चकाचौंध से दूर एक झोंपड़ीनुमा रिहायश बनाकर रहते थे। झोपड़ी में कितनी बिजली जलती होगी, यह आसानी से समझा जा सकता है, लेकिन यह बात शायद पीवीवीएनएल के उन अफसरों को समझ नहीं आयी शायद जिन्होंने गरीब की झोपड़ी का लाखाें मसलन करीब पौने तीन लाख का बिल बना कर रिकबरी के लिए कमरजहां के लिए महकमे की पूरी फौज भेज दी। चौदह साल पहले कट चुका है कनेक्शन

पीवीवीएनएल के मुख्य अभियंता (वितरण) को भेजे फरियादी पत्र में पीड़ित कमरजहां ने बताया कि हुजूर करीब पहले जहां वह ललियाना में रहता था उसका बिजली कनेक्शन तो चौदह साल पहले ही कट गया था। इसके साक्ष्य के रूप में उसने अपना एकाउंट आईडी संख्या 771700380149 भी अर्जी के संग चीफ को भेजा ताकि सनद रहे और जांच में भी आसानी रहे। उसने बताया कि महकमे में उसके कनेक्शन को पीडी नहीं किया था और चौदह साल बाद साल 2021 में अचानक उसको 2,74,399/- रूपए का नोटिस थमा दिया गया।

शिकायत पर बढ़ा दी रकम

करीब पौने तीन लाख का भारी भरकम बिल का नोटिस मिलने पर डरा सहमा पीड़ित जब महकमे के अफसरों के दर दौड़ा तो बजाए अपनी गलती को सुधारने के उल्टे उक्त रकम को बढ़ाकर 3,05,113/- रूपए कर दी गयी। हद तो तब हो गयी जब झोपड़ी के घरेलू कनेक्शन को पीवीवीएनएल के आंख मूंद कर काम करने वाले अफसरों ने कामर्शियल बना डाला। करीब कमरजहां दर्जनों बार पीवीवीएनल अफसरों की दर पर गुहार लगाने पहुंचा, लेकिन अफसरों का दिल नहीं पसीजा। अधिशासी अभियंता के कार्यालय में भी अनेक शिकायती पत्र देकर जो गलती पीवीवीएनएल अफसरों से हो गयी उसको सुधारने को कहा।

जांच में माना कनेक्शन घरेलू ही था

उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष लोकेश अग्रवाल के पास जब थक हारकर कमरजहां पहुंचा तो उन्होंने लिखा पढ़ी शुरू की। 13 फरवरी 023 को छह लोगों के शपथ पत्र मय आधार कार्ड के दिए गए। इसके बाद अधिशासी अभियंता ने जांच में माना कि पंखा व बत्ती के लिए कनेक्शन दिया गया था, लेकिन मीटर लगाने वाली एजेंन्सी की जांच पर चुप्पी साध ली गयी कि मीटर लगा था या नहीं। लेकिन इसके बाद भी राहत नहीं मिली। गांव के पचास से ज्यादा लोग कमरजहां के पक्ष में गवाही के लिए अधिशासी अभियंता कार्यालय पहुंचे लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गयी। दर्जनों से शपथ पत्र दिए उसके बाद भी गरीब को राहत नहीं मिली।

चीफ ने दिए जांच के आदेश

लगातार लिखा पढी के बाद मुख्य अभियंता वितरण पश्चिमांचल विद्युत निगम मेरठ ने जांच के आदेश दिए हैं। लेकिन चीफ के आदेश भी पीडित को राहत नहीं दिला सके। अब मुख्य अभियंता अनुराग अग्रवाल ने एक रिमांडर लैटर मुकेश कुमार अधिशासी अभियंता व जांच समिति के सदस्य को लिखा है जिसमें कहा गया है कि तीन दिन के भीतर मामले में रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। चीफ ने यह पत्र 19 सितंबर को लिखा था, लेकिन कमरजहां को अभी राहत नहीं मिली है।

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