हरियाली का कत्ल-कंकरीट का जंगल

अवैध कालोनियों में आशियाना-नजर नहीं आएंगे भूमाफिया
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हरियाली का कत्ल-कंकरीट का जंगल, अवैध कालोनी ग्रीन वैली के लिए हरियाली का भू-माफिया ने करा दिया कत्ल, मेरठ विकास प्राधिकरण के जोन ए-फोर में हापुड़ बाईपास दिल्ली रोड संजय वन के पास अवैध कालोनी ग्रीन वैली के लिए  खुद को भाजपा के एक राज्यमंत्री व दूसरे नेताओं का करीबी बताने वाले भू-माफिया जिसका नाम लोग मनीष प्रजापति बता रहे हैं, ने हरियाली का कत्ल कर दिया। जहां यहां अवैध कालोनी ग्रीन वैली बनायी गयी है वो इलाका किसी दौर में सैकडों हरे भरे पेड़ों से गुलजार था, लेकिन आज वहां जहां तक भी नजर आती है कंकरीट का जंगल नजर आता है। अवैध कालोनी के लिए हरियाली के कत्ल का यह गुनाहगार आज भी खुला घूम रहा है। जिस शख्स भूमाफिया पर हरियाली के कत्ल का मामला बनना चाहिए था, वो शख्स अफसरों का इतना चहेता कैसे हो गया। मेरठ विकास प्राधिकरण समेत अन्य विभाग के अफसर कैसे इस शख्स के मददगार बन गए हैं। अफसरों का क्या लालच है जो हरियाली का कत्ल कर वहां कंकरीट का जंगल बनाने के मामले में बजाए कार्रवाई के भूमाफियाओं को वीआईपी ट्रीटमेँट दे रहे हैं, सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ यदि किसी बाहरी एजेंसी से इसकी जांच करा दें तो शायद हरियाली के कत्ल के गुनहगार को उसके किए की सजा भी मिल जाए और जो अफसर किन्हीं कारणों के चलते मदद को उताबले नजर आते हैं हो सकता है कि उनका भी पर्दाफाश सीएम योगी के सामने हो जाए। हालांकि इस बात की उम्मीद बहुत कम है कि ऐसा कुछ हो पाएगा। क्योंकि सुनने में आया है कि प्राधिकरण के जोन ए-फोर में अवैध कालोनी  ग्रीन वैली काटने वाले भूमाफिया के कनेक्शन ऊपर तक हैं, लेकिन इतन भी ऊपर तक नहीं कि सीएम योगी का दरबार कार्रवाई न कर सके। मेरठ या फिर यूपी ही नहीं पूरे देश में सीएम योगी का बुलडोजर अवैध कालोनियों को बुलडोज करने उन्हें मिट्टी में मिलाने के लिए अब अपनी अलग पहचान बना चुका है।

एक नहीं अनेक कालोनियां

प्राधिकरण के जोन-ए-फोर में अवैध कालोनी ग्रीन वैली बनाने वाले किसी मनीष प्रजापति नाम के भूमाफिया के बारे में यह भी जानकारी मिली है कि इसकी एक नहीं बल्कि कई अवैध कालाेनिया है। इनमें बागपत रोड पर माता शाकंबरी देवी के मंदिर के समीप करीब तीस हजार वर्ग गज में काटी जा रही कालोनी भी शामिल है। इस अवैध कालोनी में बाकायदा अवैध मार्केट भी बनाया गया है। इन दिनों उस कालोनी में मार्केट का काम पूरी तेजी से चल रहा है।

बे-खबर या काट रहे कन्नी:

हापुड रोड जोन ए-फोर में काटी गयी अवैध कालोनी ग्रीन वैली से मेरठ विकास प्राधिकरण के अफसर बेखबर हैं या फिर जानबूझ कर उस ओर से कन्नी काट रहे हैं यह कहना तो जल्बाजी होगी क्योंकि जब बागपत रोड माता शाकंबरी देवी मंदिर के समीप इसी भूमाफिया द्वारा काटी जा रही कालोनी को लेकर प्राधिकरण के पूरे महानगर के जोनल अधिकारी अर्पित यादव से संपर्क किया तो उन्होंने किसी कालोनी की जानकारी होने से अनभिज्ञता जाहिर की।

तो क्या होगी जोन के जेई पर कार्रवाई:

बकौल जोनल अधिकारी अर्पित यादव उन्हें मनीष प्रजापति की बागत रोड पर काटी गयी अवैध कालोनी की जानकारी नहीं तो क्या इसके लिए उस जोन के अवर अभियंता व मेठ तथा अन्य स्टाफ पर कार्रवाई की जाएगी। जिस तर्ज पर बापगत रोड पर इस भूमाफिया ने अवैध कालोनी काटी है उसी तर्ज पर हापुड़ रोड पर ग्रीन वैली के नाम से भी अवैध कालोनी काटी गयी है।

एक अकेला सब पर भारी:

एक भूमाफिया जगह-जगह अवैध कालोनिया काट रहा है और अवैध कालोनियों के खिलाफ सीधे बुलडोज की कार्रवाई का दम भरने वाले प्राधिकरण उपाध्यक्ष इस भूमाफिया का संज्ञान क्यों नहीं ले पा रहे हैं या नीचे के स्टाफ ने उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं दी है यह तो यदि मंडलायुक्त/प्राधिकरण अध्यक्ष यदि इस भूमाफिया की इन तमाम कालोनियां की जांच करा दें तभी स्पष्ट हो सकता है लेकिन फिलहाल जो हालात हैं उससे तो यही लगता है कि एक अकेला सब पर भारी सरीखी स्थित है।

तो क्या माफिया गिरोह की तर्ज पर:

मेरठ मे अवैध कालोनियों की जब बात होती है आमतौर पर तमाम भूमाफियाओं का नेटवर्क किसी माफिया गिरोह के संगठित नेटवर्क की तर्ज पर काम करता नजर आता है। इस नेटवर्क का सर्वेसर्वा खुद भूमाफिया होता है। इस नेटवर्क के अहम किरदारों में राजनीतिक दलों में तगड़ा रसूख रखने वाले नेता, मेरठ विकास प्राधिकरण समेत सिस्टम से जुड़े कुछ दूसरे अफसर जो सरकारी कार्रवाइयों से बचने में मददगार साबित होते हैं। अपराधिक पृष्ठभूमि के कुछ लोग तथा सबसे अहम भूमाफिया के साथ साऐ की तरह नजर आने वाले बाउंसर। कुल मिलाकर एक भू-माफिया का कुछ इससे मिलता जुलता रूतबा आमतौर पर नजर आता है।

बुलडोज तो होगी एक ना एक दिन:

कई बार अपने हाई कनेक्शनों की खुमारी में भूमाफिया ओवर कान्फिडेंस हो जाते हैं। जैसा कि मेरठ विकास प्राधिकरण के किला रोड इलाके में हरियाली का कत्ल कर अवैध कालानी काटने वाले पुराने सपाई जो बाद में खुद को भाजपा नेता साबित करते घूमा करते थे, उनके साथ हुआ। खुद को भाजपा का नेता बताने वाले सपा के उस पुराने नेता जो अवैध कालोनी के काले कारोबार मे हाथ आजमा रहे थे, उनके साथ हुआ। उनकी अवैध कालोनी प्राधिकरण प्रशासन ने मिट्टी में मिला दी। प्राधिकरण की बुलडोज कार्रवाई से भारी नुकसान उस भूमाफिया को हुआ था। आशंका नहीं बल्कि पूरी उम्मीद की जा रही है कि देर से ही सही हापुड रोड बाईपास संजय बन दिल्ली रोड के समीप ग्रीन वैली अवैध कालोनी काटने वाले भूमाफिया का भी कुछ ऐसा ही हश्र संभव है।

वर्जन

प्राधिकरण के पूरे महानगर के जोनल अधिकारी अर्पित यादव से जब इस संबंध में सवाल किया गया तो उनका कहना था कि उनके पास पूरे महानगर का दायित्व कुछ समय पूर्व ही आया है। जहां तक ग्रीन वैली या अन्य अवैध कालोनियाें की बात है तो इसको लेकर फिलहाल कोई जानकारी नहीं है। यदि जो कुछ बताया गया है वैसा कुछ है तो वह इसकी जांच कराएंगे। केवल जांच ही नहीं कराएंगे जो भी जांच रिपोर्ट होगी उससे प्राधिकरण उपाध्यक्ष को अवगत कराएंगे। उन्हाेंने जोर देकर कहा कि किसी भी दशा में मेरठ में कोई भी अवैध कालोनी नहीं हरेगी। हर दशा में एक एक अवैध कालोनी को मिटटी में मिला दिया जाएगा। 

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