हुजूर! सवाल मासूमों की पढ़ाई का , गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने आरटीई के दाखिलों के लिए खटखटाया बाल आयोग का दरवाजा शिक्षाधिकारी चुनाव में व्यस्त ,स्कूलों का कहना सीटे फुल, अभिभावक परेशान गाजियाबाद पैरेंट्स एसोसिएशन ने निशुल्क एवम अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 ( आरटीई ) के अंतर्गत चयनित बच्चो के दाखिलों के लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग का दरवाजा खटखटाया है आयोग से दाखिलो की गुहार लगाने का सबसे बड़ा कारण है जिले स्तर पर अधिकारियों का उदासीन रवैया गाजियाबाद पैरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा त्यागी और आरटीई प्रभारी धर्मेंद्र यादव ने बताया कि पहली और दूसरी लिस्ट के अंतर्गत इस वर्ष शिक्षा सत्र 2024-25 के लिए लगभग 5300 बच्चो का चयन आरटीई के अंतर्गत जिले के निजी स्कूलों में हुआ है लेकिन अब जब इन बच्चो के अभिभावक अपने बच्चों के दाखिलों के लिए जेकेजी इंटरनेशनल स्कूल , डीएवी पब्लिक स्कूल एवम दिल्ली पब्लिक स्कूल , जो प्रताप विहार और विजय नगर मे है जा रहे है तो इन स्कूलों का कहना की हमारे यहां सीटे फुल हो गई है जबकि उनमें से कुछ का कहना है कि बीएसए कार्यालय से हमारे यहां कोई पत्र नही आया है अब जब ये अभिभावक अपनी शिकायत जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के पास जाते है तो चुनाव के कार्य में व्यस्त होने के कारण कार्यालय में मिलते ही नही है फ़ोन करने पर कहा जाता है की चुनाव के बाद आना निजी स्कूलों की मनमानी और अधिकारियों के इसी उदासीन रवैया के कारण पिछले वर्ष भी लगभग 2651 बच्चे दाखिले से वंचित रह गए थे हमारे पास लगातार अभिभावकों की शिकायते आ रही है इसलिए हमने इन शिकायतों का संज्ञान लेकर निजी स्कूलों एवम अधिकारियों पर सख्ती दिखाने और सभी बच्चों के दाखिले स्कूलों में सुनिश्चित कराने के लिए दरवाजा खटखटाया है हम उम्मीद करते है की बाल आयोग समय रहते बच्चो के शिक्षा के मौलिक अधिकारों के हितों को किसी भी दशा में प्रभावित नही होने देगा साथ ही चुनाव के बाद भी अगर अधिकारियों का यही रवैया रहा तो संस्था आरटीई के अंतर्गत चयनित बच्चो के दाखिलों के लिए बड़ा कदम उठाने के लिए विवश होगी हम जिले के किसी भी बच्चे को शिक्षा के अधिकार से वंचित नही होने देगे।