जेई बनकर बिजलीघर संभालेंगे या बहीखाता

जेई बनकर बिजलीघर संभालेंगे या बहीखाता
Share

जेई बनकर बिजलीघर संभालेंगे या बहीखाता,

-महकमे ने टीजी-2 को बनाकर रख दिया खजांची

-बिजलीघरों में बजाए तकनीकि काबलियत दिखाने के उलझ कर रह गए हैं जोड़ घटा में

मेरठ। यूपी पावर कारपाेरेशन चलाने वाले कुछ अफसरों के गलत फैसले भविष्य में पावर कारपोरेशन के लिए मुसीबत का कारण तो बनेंगे ही साथ ही उन युवकों के सामने खुद को साबित करने का संकट खड़ा होगा जो टीजी-2 से प्रमोशन पाकर भविष्य में अवर अभियंता बनने की बाट जोह रहे हैं। अवर अभियंता बनेंगे तो उन्हें बिजलीघर की भी जिम्मेदारी दी जाएगी। और जब बिजलीघर की जिम्मेदारी दिए जाने के बाद वहां के रखरखाव व फीडर तथा बिजलीघर से संबंधित तमाम कामों को संभालने की बारी आएगी तो ऐसे टीजी-2 बजाए बिजलीघर को संभालने के हाथों की उंगलियों पर गितनी करते नजर आएंगे।

दरअसल हो यह रहा है

पीवीएनएल ही नहीं बल्कि प्रदेश भर की बात की जाए तो यूपी पावर कारपोरेशन में नौकरी करने ज्यादातर टीजी-2 को अफसरों ने बजाए लाइनों व फीडरों तथा बिजलीघरों में काम कराने के उनसे खजांची का काम कराया जा रहा है। हो यह रहा है कि अनेक टीजी-2 जो उनका मुख्य काम है मसलन बिजली व्यवस्था के रखरखाव का तकनीकि कार्य, वह न करारकर उनसे बिलों को जमा कराए जाने काम लिया जा रहा है। ऐसे टीजी-2 की प्रदेश भर में बड़ी संख्या है जो अपना मुख्य काम छोड़कर महकमे में टीजी-2 के नाम पर केवल यूपी पावर कारपोरेशन के खंजाची बनकर रह गए हैं। जहां बिलिंग कलेक्शन सेंटर वहां सुबह आठ बजे पहुंच जाते हैं और पूरे दिन बिलों को जमा करने का काम उनसे कराया जाता है। जबकि यह काम लिपिकों को रखकर उनसे लिया जाना चाहिए।

क्यों प्रमोशन से भाग रहे हैं टीजी-2

यूपी पावर कारपोरेशन में इन दिनों टीजी-2 से अवर अभियंता बनाए जाने के प्रमोशन का दौर चल रहा है, लेकिन सूत्रों ने जानकारी दी है कि बड़ी संख्या में ऐसे टीजी-2 हैं जो प्रमोशन लेना ही नहीं चाहते। यूं इसके अनेक कारण हो सकते हैं। लेकिन निविदा संविदा कर्मचारी सेवा समिति के अध्यक्ष ठाकुर भूपेन्द्र सिंह का मानना है कि एक बड़ा करण प्रमोशन लेने का यह भी हो सकता है कि टीजी-2 को महकमे के अफसरों ने खजांची बनाकर रख दिया है।  ऐसा टीजी-2 यदि प्रमोशन ले भी लेता है तो जब बिजलीघर के रखरखव की बारी आएगी तो वह बंगले झांकता नजर आएगा।

प्रमोशन या चहेतों को सेट करने का खेल

वहीं दूसरी ओर यूपी पावर कारपोरेशन में इन दिनों प्रमोशन को लेकर खासी सरगर्मी नजर आती है। इस संवाददाता ने प्रमोशन के नाम पर जो कुछ चल रहा है उसको लेकर बीते सप्ताह प्रमुखता से समाचार प्रकाशित भी किया था। जिसमें यह तथ्य प्रकाश में आया था कि ऐसे लोगों के नाम लिस्ट में जोड़ दिए गए हैं जो दिवंगत हो चुके हैं, महकमे से रिडायर्ड हो चुके हैं और तो और कुछ तो गुमशुदा हैं। जानकारों की मानें तो इस सब के पीछे अपने करीबियों को प्रमोशन देने के खेल से ज्यादा कुछ नहीं। सूची की जांच की जानी चाहिए।

यह कहना है अध्यक्ष का

निविदा संविदा कर्मचारी सेवा समिति के अध्यक्ष ठाकुर भूपेन्द्र सिंह का कहना है कि टीजी-2 को जो काम है अफसरों को उनसे वही कराना चाहिए। टीजी-2 को खजांची बनाकर दफ्तर में बैठाने के दूरगामी खराब परिणाम सामने आएंगे, यह नहीं भूलना चाहिए।

@Back Home

 

 


Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *