नौकरी के लालच में धकेली जा रही स्पा में

नौकरी के लालच में धकेली जा रही स्पा में
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नौकरी के लालच में धकेली जा रही स्पा में, अच्छी नौकरी का लालच देकर भोली भाली युवतियों कुछ बदनाम स्पा सैंटरों में धकेला जा रहा है। मेरठ की यदि बात की जाए तो बेगमपुल सरीखे इलाकों में कई ऐसे स्पा सैंटर हैं जो शौकीनों में खासे चर्चित हैं। इन स्पा सैंटरों में मसाज के नाम पर तमाम अनुचित बातें अक्सर सुनने को मिलती हैं, लेकिन यह भी सच है कि बगैर सेटिंग गेटिंग के स्पा सैंटर के नाम पर जिस्म फरोशी का धंधा मुमकिन नहीं है। जानकारो की मानें तो कुछ स्पा सैंटर केवल सेटिंग के बूते ही चल रहे हैं। बेगमपुल के एक ऐसे ही स्पा सैंटर के शहर के बाकि स्पा सैंटरों मे इन दिनों खासी चर्चा है। सुनने में तो यहां तक आया है कि चार्ज छोड़ने से पहले स्पा सैंटर संचालक की जो चार्ज लेने वाले से सेटिंग करा दी गयी थी। शायद यही कारण है कि बेगमपुल के स्पा सैंटर से चंद कदम की दूरी पर जो स्पा सैंटर बेगमपुल दिल्ली रोड और आबूलेन आबू प्लाजा पर संचालित हो रहे थे वो सदर बाजार थाना पुलिस ने बंद करा दिए, लेकिन व्यापारियो को अभी लालकुर्ती पुलिस के एक्शन में आने का इंतजार है।

स्पा के ग्राहक व्यापारियों की मुसीबत

मसाज के नाम पर स्पा में शौक पूरा करने के लिए जाने वाले ग्राहक बेगमपुल के व्यापारियों के लिए मुसीबत बने हुए हैं। दरअसल हो यह रहा है कि जिस जगह यह स्पा सैंटर हैं वहां वाहनों की पार्किंग की समुचित व्यवस्था नहीं है। शौक पूरा करने के  लिए स्पा में जो ग्राहक होते हैं उनमें से निन्यानवें फीसदी लग्जरी गाड़ियों में लदबद कर आते हैं। बेगमपुल पर जब पार्किंग ही नहीं है तो ऐसे में स्पा में जाने के शौकीन ये लोग व्यापारियों की दुकानोंं के आगे कार का पार्क कर देते हैं।

मना करने के बाद भी 

नाम न छापे जाने की शर्त पर व्यापारियों ने बताया कि स्पा के शौकीन जब कार उनके प्रतिष्ठान के आगे पार्क करते हैं तो उनका विरोध किया जाता है। प्रतिष्ठान के सामने से गाड़ी हटाने को भी कहा जाता है लेकिन इन लग्जरी गाड़ियों से उतरने वाले देखने में संभ्रात से ये तमाम लोग एक दस मिनट में आए कहकर जाते हैं और फिर दो घंटे बाद स्पा की सेवा लेकर लौटते हैं। प्रतिष्ठानों के आगे इनकी गाड़ियों के खड़े होने की वजह से व्यापार पर बुर असर पड़ता है। प्रतिष्ठान के सामने गाड़ी खड़ी होने की वजह से ग्राहक आगे निकल जाता है।  इस बीच जब स्पा से शौक पूर कर ये लोग लौटते हैं तो मुंह छिपा कर नजरें चुराकर ऐसे जाते हैं मानों कोई उन्हें रोक या टोक न ले कि भाई इतनी देर मे आए हो तब से गाड़ी यही खड़ी है।

पुलिस भी तो नहीं सुनती

शहर भर के जिन स्पा सैंटरों में मसाज के नाम पर जिस्म फरोशी के अनैतिक काम किए जा रहे हैं उनके खिलाफ आवाज उठाने वाले आरटीआई एक्टिवस्ट मनोज चौधरी ही नहीं बल्कि बेगपमुल व आसपास के जिन दुकानदारों के लिए स्पा सैंटर मुसीबत बने हुए हैं वो भी पुलिस से कई बार अपनी परेशानी को लेकर गुहार लगा चुके हैं, लेकिन मामला सैटिंग गैटिंग का बताने वालों का मानना है कि जब तक एसएसपी सरीखे अफसर किसी दूसरे थाना पुलिस को स्पा सैंटर की स्याह सच्चाई को बेपर्दा करने की जिम्मेदारी नहीं देंगे तब तक यह सब चलता रहेगा।

अच्छी नौकरी का झांसा

पूर्वोत्तर भारत की युवतियों को अच्छी नौकरी दिलाने का लालच देकर एजेंट अलग-अलग शहरों में लेकर आते हैं। उन्हें तनख्वाह भी अच्छी दिलवाने का वादा किया जाता है। इसके बाद उनका शोषण किया जाता है। तनख्वाह भी पूरी नहीं दी जाती है। वह उनके झांसे में फंस जाती हैं। सुनने में यहां तक आया है कि ग्राहकों के आगे परसोने के अलावा संचालक खुद भी इनका यूज करते हैं। जब सेलरी की बात आती है तो तीन से छह माह तक की सेलरी दबा कर रखते है ताकि युवती काम छोडकर न जाए। शहर भर में ऐसे स्पा सेंटरों की भरमार है।

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