नेग नहीं यह तो खुली बदमाशी है

नेग नहीं यह तो खुली बदमाशी है
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नेग नहीं यह तो खुली बदमाशी है,  गहरा मेकअप और किन्नर की तरह कपड़े पहनकर नकली किन्नर शहर के मेडिकल थाना क्षेत्र से लेकर पल्लवपुरम चौराहे तक वसूली कर रहे हैं। इनका गिरोह कभी भी एक जगह टिक कर नहीं रहता। ऐसा क्यों होता है यह तो स्पष्ट नहीं, लेकिन नेग के नाम पर शहर के कई चौराहों पर इनका गिरोह अवैध उगाही कर रहा है। बसों में यात्रियों को परेशान कर रुपये वसूलते हैं तो हाईवे पर वाहनों को रोककर नेग के नाम पर रुपये मांगते हैं। इस गिरोह में 15 से 20 लड़के शामिल हैं, जो विरोध करने पर बदसलूकी करते हैं। शहर के बच्चापार्क, तेजगढी, बेगमपुल पैठ एरिया, रेलवे रोड डीएन कालेज चौराहा सरीखे तमाम ऐसे स्थान हैं जहां भीख के नाम पर जबरन वसूली करने वाले किन्नरों का गिरोह सक्रिय है। और तो और काली पलटन मंदिर पर भी अब ये मंडराने लगे हैं। इनकी नजर आमतौर पर मंदिर आने वाले हाईप्रोफाइल परिवारों पर होती हैं। परिजनों के साथ मंदिर पहुंचने वाली महिलाओं को ये घेर लेते है। आसपास नकली किन्नरों का अड्डा है। इसमें 15-16 साल से लेकर 30 साल तक के युवक  हैं। इनमें से कई नकली किन्नर बनकर रोडवेज बसों में चढ़ जाते हैं। यात्रियों से नेग के नाम पर वसूली करते हैं। सबसे बुरा हाल शास्त्री नगर तेजगढी चौराहे का है यहां तो ये  नेग वसूलने में जाम लगवा देते हैं। वाहनों के सिग्नल पर रुकने या फिर जाम लगने पर तो यह तुरंत वाहनों के पास पहुंच जाते हैं। इनके निशाने पर आगरा घूमने आने वाले पर्यटकों की गाड़ियां भी होती हैं। रात में सवारियों से छीना-झपटी करके भी भाग जाते हैं। ट्रांसपोर्ट नगर के वीरेंद्र का कहना है कि नकली किन्नरों से शहर की छवि खराब हो रही है। शास्त्रीनगर निवासी एक अन्य शख्स ने बताया कि अब तो चौराहे की ओर जाने से पहले डर लगता है। यह देख लेते हैं कि कहीं मांगने वाले किन्नर खड़े तो नहीं

केस एक

मंगलवार सुबह करीबा 10 बजे बाबा औघडनाथ मंदिर काली पलटन पर यूं तो सुबह से ही श्रद्धालुओं का आना जाना लगा था, लेकिन दस बजे अचानक वहां  तीन नकली किन्नर आ गए। उन्होंने दर्शन को मंदिर अपने परिवार के साथ आए एक  कार चालक से उसने 100 रुपये मांगे तो मना करने पर भी नकली किन्नर हटा नहीं। पहले तो जोर-जोर से ताली बजाने लगा और फिर गाड़ी के सामने खड़ा हो गया। परिवार की एक महिला ने जब सौ रुपए दे दिए तभी हटा।

केस दो

बच्चापार्क चौराहे पर थाना सदर बाजार, कोतवाली व लालकुर्ती की सीमा लगती है। नकली किन्नरों की वसूली मामले में बच्चापार्क चौराहा भी सबसे ज्यादा बदनाम है। यहां जैसे ही चौराहे पर रेड लाइट होती है तभी नकली किन्नर किसी भी ई रिक्शा को घेर लेते हैं तालियां पीट-पीटकर मनोवैज्ञानिक प्रेशर सवारियों पर बनाते हैं। और बगैर पैसे लिए हटते तक नहीं हैं। ऐसा नहीं केवल एक दो सवारियों से पैसे लेते हों। ई रिक्शा में जितनी भी सवारी होती हैं ये सभी से नेग के नाम पर उगाही करते हैं। मना करने पर गाली-गलौज और अश्लीलता करते हैं।

किन्नर कभी इस तरह नेग नहीं मांगते

पहचान छिपाने की शर्त पर देहलीगेट के घंटाघर इलाके में रहने वाले एक किन्नर ने बतायाकि बताया कि किन्नर कभी सड़कों पर गाड़ियां रोककर नेग नहीं मांगते हैं। ट्रेनों से लेकर बसों तक लोगों को परेशान करने वाले नकली किन्नर होते हैं। यह नेग नहीं मांगते बल्कि किन्नर की आड़ में वसूली करते हैं। हम तमाम बार इनके बारे में शिकायतें कर चुके हैं। कई बार समझाया और इनकी पकड़कर पिटाई भी लगाई गई है। हमारे समाज का कोई व्यक्ति इन्हें सहयोग नहीं कर सकता है। पुलिस को इन्हें अपराधियों की तरह ही वसूली के मामले में गिरफ्तार करके जेल भेजना चाहिए, तभी इनका आतंक कम हो सकेगा।

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