सफेद पोशों के काले चेहरे बेपर्दा, वरिष्ठ अधिवक्ता सीडी कांड़ को लेकर जैसी आशंका जतायी जा रही थी उससे भी बड़ा खुलासे की आहट सुनाई दे रही है। हालांकि अधिकृत रूप से तो अभी कुछ नहीं सामने आया है, लेेकिन सुनने में आया है कि गुरूवार को 164 के बयान के दौरान गंगानगर से बरामद की गयी कथित पीड़ित युवती कई सफेदपोशों के काले चेहरे बेनकाब कर दिए हैं। खुद के साथ हुई ज्यादतियों की सिलसिलेबार तफसील से दास्तां बयां की है। उसने बयान में क्या कुछ कहा है इसकी जानकारी कतई नहीं, लेकिन सुना जा रहा है कि सीडी सामने आने के बाद बार और वकीलों के बीच जिस तूफान की आशंका की जा रही थी, वह तो नहीं आया लेकिन किसी भी तूफान के आने से पहते जिस प्रकार से आसमानी हवाएं चलने लगती है, कुछ उसकी मानिंद ही राजनीतिक गलियारों में महसूस किया जा रहा है। इन बयानों के बाद जिस तूफान की आशंका जतायी जा रही है कौन उसकी चपेट में आएगा व किस को कितना नुकसान होगा, यह भी कुछ नहीं कहा जा सकता, लेकिन इतना तो तय माना जा सकता है कि बड़े तूफान या कहें बयान के बाद संभावित विस्फोट की आशंका पूरी तरह से बनी हुई है। जिन चार की चर्चा है वो सभी रसूखदार सफेदपोश हैं। बयान के साइड इफैक्ट कितने और कहां तक पहुंचेंगे यह कयास लगाया जाना बेमाने होगा। लेकिन डेमेज होना तय है, इस डेमेज को संगठन कहां तक और कितना कंट्राेल कर पाएंगा यह तो वक्त ही बताएगा। मेरठ में इस दिनों संगठन को इस प्रकार के दो मामलों को फेस करना पड़ा है। पहला पार्षद वाला और दूसरा 164 के बयान के बाद जो हालात बनते नजर आ रहे है वो। हालांकि जब तक बयान को लेकर कुछ भी अधिकृत रूप से सामने नहीं आ जाता, तब तक केवल कयासों के सहारे ही आगे बढ़ना मुनासिब होगा। देर से ही सही सच तो सामने आ ही जाएगा और सफेद पाेशों के काले चेहरे भी बेनकाब होने तय है। लेकिन इस बाद में पहली अप्रैल को लेकर जो कुछ मैट्रो प्लाजा को लेकर चर्चा सुनने में आ रही है वह संस्कारियों को शर्मसार करने को काफी है। इस मामले के बाद अब बारी संस्कारियों की है, यही कि वो बचाते हैं या फिर इस संकट से नैय्या पार लगाते हैं।