एसएम को ध्वस्त करने के आदेश

एसएम को ध्वस्त करने के आदेश
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एसएम को ध्वस्त करने के आदेश,- एमएम को ध्वस्त के योगी सरकार के आदेश अफसरों ने बना डाले रद्दी- एक मकान में अवैध रूप से बना दिए गए एसएम हॉस्पिटल को ध्वस्त कर दिए जाने के आदेश सूबे की योगी सरकार ने काफी पहले दे दिए थे, लेकिन आदेशों को अमल में लाकर हॉस्पिटल को ध्वस्त करने के बजाए तमाम अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। शासन के आदेश रद्दी बना दिए गए लगते हैं। लगता है कि सीएम योगी की सरकार के आदेशों से ये अफसर खुद को ऊपर मानने लगे हैं।
गढ़ रोड स्थित एसएम हॉस्पिटल से मेरठ के  आवास विकास परिषद के अधिकारी डेढ़ दशकों से कौन सा रिश्ता निभा रहे हैं परिषद के मुख्यालय से भी एसएम हॉस्पिटल को ध्वस्त करने के लिए ग्रीन सिगनल दिया जा चुका है किंतु अभी तक परिषद अधिकारियों ने उक्त हॉस्पिटल के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की इस पूरे प्रकरण में परिषद के अधिकारियों की भूमिका को संदिग्ध नजरों से देखा जा रहा है शास्त्री नगर ए 15 एसएम हॉस्पिटल प्रारंभ से ही विवादों से घिरा हुआ रहा है लगभग डेढ़ दशक बनाई गई इस हॉस्पिटल की शिकायत अधिशासी अभियंता से लेकर परिषद के आवास आयुक्त हो चुकी है कुछ साल पहले खंड 5 में तैनात एक अधिशासी अभियंता ने इस मामले को पूरे जोर-शोर से उठाया था यहां तक की एसएम हॉस्पिटल के दोस्ती करण की कार्रवाई लखनऊ तक गूंज गई थी।  इस मामले में तत्कालीन हाउसिंग कमिश्नर आरपी सिंह ने भी उक्त नर्सिंग होम को ध्वस्त करने के आदेशों पर हरी झंडी दे दी थी किंतु अपने ऊंचे रसूख के चलते हॉस्पिटल के मालिक ने परिषदीय अधिकारियों के साथ सेटिंग गेटिंग का खेल खेल लिया और उस समय भी दोस्त होने की कार्रवाई से वंचित रह गया अब फिर से इस हॉस्पिटल के खिलाफ कार्यवाही करने के आदेश अधीक्षण अभियंता द्वारा जारी कर दिए गए हैं देखो इस मामले में परिषदीय अधिकारी क्या कार्यवाही करते हैं। हैरानी तो इस बात की है कि इस अवैध हॉस्पिटल के आसपास नजर आने वाला अवैध निर्माण तो दिखता है वहां कार्रवाई भी कर दी जाती है लेकिन एमएम हॉस्पिटल नजर नहीं आता। एसएम हॉस्पिटल के सामने एक अधिवक्ता द्वारा 5 दुकानों का निर्माण कर लिया गया था किंतु हॉस्पिटल के मालिक संजय गर्ग ने अपने रसूख के चलते इन दुकानों पर सील लगवा दी थी गढ़ रोड पर आनंद हॉस्पिटल से चंद कदम पहले मुख्य मार्ग पर एसएम हॉस्पिटल के बिल्कुल सामने एक अधिवक्ता ने दुकानों का निर्माण प्रारंभ कर दिया था हालांकि यह सभी दुकाने ग्रीन बेल्ट पर बनी हुई थी जिसको लेकर अधिवक्ता का हॉस्पिटल के मालिक के साथ काफी विवाद हुआ था दोनों पक्षों के बीच पुलिस कार्रवाई भी हो चुकी थी इस पूरे प्रकरण में डॉक्टर ने उक्त निर्माण के खिलाफ मेरठ विकास प्राधिकरण ने शिकायत दर्ज करवा उक्त दुकानों को सील करवा दिया था अधिवक्ता ने भी हॉस्पिटल की शिकायत स्थानीय अधिकारियों से लेकर लखनऊ तक की थी इस पूरे प्रकरण में मुख्यालय ने भी संज्ञान लिया और एसएम हॉस्पिटल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश जारी किए थे किंतु सांठगांठ के चलते वह कार्रवाई ठंडे बस्ते में डाल दी गई। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि  मेरठ से लेकर लखनऊ तक यह पूरा मामला  गूंजा था। अवैध एसएम हॉस्पिटल का पूरा प्रकरण मेरठ से लेकर लखनऊ तक सभी अधिकारियों के बीच पहुंचा था किंतु अपने सेटिंग वेटिंग के चलते इतने बड़े प्रकरण पर मेरठ के अधिकारी खामोशी बनाए रखें एसएम हॉस्पिटल जिस समय बन रहा था उस समय ही कई लोगों ने इस पूरे प्रकरण की शिकायत मेरठ के अधिकारियों सहित लखनऊ तक की थी यहां तक की हॉस्पिटल के निकट सेना के एक अधिकारी रहते हैं उन्होंने भी आवासीय भूमि पर व्यवसायिक हॉस्पिटल बनाने की शिकायत परिषदीय अधिकारी से की थी किंतु हमारे देश की विडंबना देखिए की सेना में उच्च अधिकारी होने के पश्चात भी उनकी एक नहीं सुनी गई पैसों की खनक के आगे अधिकारियों ने सेना के अधिकारी की शिकायत एक तरफ रख दी।

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