टाइगर इज बैक-दहशत में भूमाफिया, एमडीए में दो दिन से टाइगर इज बैक और दहशत में भूमाफिया हर किसी की जबान पर एक ही बात है। यह टाइगर कौन है जब यह सवाल इस संवाददाता ने पूछा तो उन्होंने हैरत भरे अंदाज से देखा और आगे बढ गए। मेरठ। मेरठ विकास प्राधिकरण ने कार्रवाई तो केवल दो भूमाफियाओं की अवैध कालोनियों पर की, लेकिन दहशत में आ गए मेरठ के तमाम भूमाफिया। सूत्रों की मानें तो आने वाले दिनों में अवैध कालोनियों पर बड़ी कार्रवाई की आहट सुनाई दे रही है।
बुधवार को कार्रवाई तो पवित्र मित्रा और सुभाष की अवैध कालोनियों पर हुई है, लेकिन इसके साइड इफैक्ट मेरठ के बाकि भूमाफियाओं पर नजर आ रहा है।
एक दिन पहले प्राधिकरण ने भावनपुर के कमलनगर गेसुपर इलाके में तथा सुनंदा पूठा वेदव्यासपुरी अवैध कालोनियों पर बड़ी कार्रवाई कर यह संदेश देने का प्रयास किया है कि भूमाफियाओं के… सुख भरे दिन बीते रे भैया अब दुख आयो रे…
नहीं लगने दी किसी को भनक:
दरअसल उम्मीद नहीं की जा रही थी कि अचानक अवैध कालोनियों पर बड़ी कार्रवाई कर दी जाएगी। जिन भूमाफियाओं की अवैध कालोनियों पर कार्रवाई की गयी है उन्हें तो छोड़िये, सूत्रों की मानें तो प्राधिकरण से दस्ते के निकलते वक्त स्टाफ में कुछ को ही जानकारी थी कि जेसीबी मशीनें कहां जाकर गरजेंगी।
कई अवैध कालोनियां हैं अभी रडार पर:
जानकारों की मानें तो आने वाले करीब आठ दिन के भीतर कई अवैध कालोनियों में प्राधिकरण की जेसीबी गुर्राती हुई दिखाई दे सकती हैं। इस प्रकार की आहट मिलने के बाद अवैध कालोनियों काटने वाले भूमाफिया दहशत में हैं। हालांकि यह कहना जल्दबाजी होगी कि नेक्स स्टेप में किस अवैध कालोनी पर बुलडोजर गरजेगा। लेकिन इतना जरूर कहा जा सकता है कि बचेगा कोई नहीं। देर से ही सही हिसाब सभी का किया जाएगा।
भूमाफिया लगे हैं सुरागकशी में:
पवित्र मित्रा और सुभाष की अवैध कालोनियों पर बड़ी कार्रवाई के बाद मेरठ के बाकि भूमाफियाओं के तेवर अब ठीले हो गए बताए जाते हैं। सुनने में आ रहा है कि कुछ भूमाफियाओं ने अपने प्राधिकरण में अपने करीबियों से तार जोड़ लिए हैं ताकि अगली बार किस अवैध कालोनी पर जाकर जेसीबी गरजेगी इसका अपडेट लिया जा सके।
खुद मदद की है दरकार:
प्राधिकरण में जिन पर अवैध कालोनी काटने वाले भूमाफियाओं के मददगार का ठप्पा लगा है, ऐसा लगता है कि फिलहाल तो उन्हें मदद की दरकार है। प्राधिकरण का माहौल एकदम बदला हुआ है। अनौपचारिक बातचीत और बॉडी लेग्वेज बता रही है िकि हवा के बदले रूख के साथ चलने की ठान ली है। दो टूक बता दिया गया है कि किसी प्रकार की मदद की उम्मीद कतई मत रखना क्योंकि जो पहले से ही साहब की हिट लिस्ट में हैं उन्हें खुद मदद की जरूरत है।
की जानी थी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई:
जिन दो कालोनियों पर एक दिन पहले कार्रवाई की गयी है वहां काफी पहले जेसीबी भेजी जानी थी, लेकिन व्यस्तता के चलते जेसीबी भेजे जाने में देरी हो गयी, जैसे ही काम से निफराम हुए पहली फुर्सत में दोनों अवैध कालोनियों पवित्र मित्रा की कमल नगर गेसुपर गढ रोड जो बिना तलपट मानचित्र स्वीकृत कराए लगभग सात हजार वर्ग गज पर भूखण्डों का नव सृजन करते हुए सड़क व नालियों का विकास कार्य किया गया है, उनके खिलाफ कार्रवाई के आदेश विगत 11 अगस्त 2022 को पारित कर दिए गए थे।
दूसरी कालोनी सुभाष पुत्र सुखबीर और विजय पुत्र श्रीचंद जिन्होंने गांव सुंदर पुट्ठा वेद व्यासपुरी में लगभग आठ हजार वर्ग मीटर में अवैध प्लाटिंग के लिए सड़क बनाने का काम किया,उनके खिलाफ कार्रवाई के आदेश विगत 19 जुलाई 2022 को कर दिए गए थे।
यह बात अलग है कि इन आदेशों को कुछ देरी के साथ पांच जुृलाई 2023 को अमल में लाया जा सका।
झाड़ी जा रही धूल:
जानकारों की मानें तो ऐसी कई अवैध कालोनियां हैं जिन पर कार्रवाई के आदेश पूर्व में दिए जा चुके हैं, लेकिन कार्य की अधिकता के चलते स्टाफ आदेशों का अनुपाल नहीं कर सका है। सूत्रों की मानें तो सबसे पहला काम पूर्व में दिए गए आदेशों के तहत अवैध कालोनियों पर कार्रवाई करने का किया जा रहा है।
सुनने में आया है कि एक दिन पहले जिन दो कालोनियों पर कार्रवाई की गयी है, उसके बाद भूमाफियाओं को भी खासतौर से उन भूमाफियाओं को भी समझ में आ गया है कि जिनके खिलाफ पूर्व में कार्रवाई के आदेश हो चुके हैं कि देर सवेर उनका भी नंबर आने वाला है।
साइट पर सन्नाटा:
प्राधिकरण की किसी भी कार्रवाई से बेखौफ आंखों में आंखें डाल कर दिन के उजाले में जिन भूमाफियाओं की साइट पर काम नहीं रूकता था, पवित्र मित्रा, सुभाष व विजय की अवैध कालोनियों का हश्र देखकर उन भूमाफियाओं के फिलहाल साइटों पर सन्नाटा नजर आने की बात सुनने में आ रही है। इनमें तो कुछ ऐसे भी बताए जाते हैं जिनके यहां केवल फिनिशिंग का कामल चल रहा है।
जिन साइटों पर लग्जरी गाड़ियों की आवाजाही दिन भर लगी रहती थी, सुनने में आया है कि वहां सिवाय चौकीदार के अब कोई नजर नहीं आ रहा है। काली कमाई लगाकर काटी गयी अवैध कालोनियों को बचाने के लिए तमाम भूमाफिया अब नेताओं की शरण में हैं। लेकिन मदद मिलेगी इस बात की कोई गारंटी नहीं।