व्यापार मंडल का वित्त मंत्री को ज्ञापन, उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष लोकेश अग्रवाल के नेतृत्व में मेरठ एडिशनल कमिश्नर वाणिज्य कर की मार्फत एक ज्ञापन वित्त मंत्री को भेजा गया। ज्ञापन में कहा गया है कि केंद्र सरकार द्वारा दैनिक आवश्यक अनब्रांडेड वस्तुओं जिसमें प्रमुख खाद्यान्न वस्तुएं शामिल है, जीएसटी में शामिल कर लिया गया। जिससे दाल, चना, गेहूं व अन्य आवश्यक वस्तुऐं महंगी हो जाएंगी। जीएसटी मल्टीपाइंट टैक्स होने के कारण प्रत्येक बिक्री पर जीएसटी जुडता चला जाएगा। जिससे देश की 130 करोड़ जनता को भारी महंगाई का सामना करना पड़ेगा। कुटीर, घरेलू व लघु उद्योग पर लगाए गए इस टैक्स का विपरीत प्रभाव पड़ेगा। जिस कारण हमारे घरेलू उद्योग धंधे प्रभावित होंगे। अस्पतालों के कमरे व चिकित्सा उपकरणो पर लगाए गए कर से चिकित्सा व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। प्रिंटिंग व स्टेशनरी पर से शिक्षा आम आदमी से दूर हो जायेगी। खेती व सब्जियों के लिए काम आने वाली मशीनरी पर कर लगाये जाने से खेती का सामान महंगा हो जाएगा। सोलर सिस्टम पर कर से वैकल्पिक ऊर्जा व्यवस्था प्रभावित होगी। यह जीएसटी की दरें घटाने का समय है, ना कि जीएसटी की दरें बढ़ाने का। शराब व पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी में शामिल किया जाना आवश्यक है। उन्होंने मांग की कि बढ़ती हुई महंगाई को रोकने के लिए जीएसटी की बढ़ी हुई दरें तत्काल वापस लेने के आदेश पारित करने की कृपा करें। शराब व पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी में शामिल करने की जानी चाहिए। जीएसटी रिटर्न में सुधार करने का अवसर व्यापारियों का अवश्य प्रदान करें। जीएसटी में रजिस्टर्ड व्यापारियों को फ्री लैपटॉप व सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराने के आदेश पारित किया जाना चाहिए। जीएसटी एक्ट में जटिलताओं को समाप्त कर एक्ट के सरलीकरण के प्रयास किए जाने भी आवश्यक हैं। जीएसटी के रजिस्टर्ड व्यापारी से माल खरीदने पर कर प्राप्त कर ना जमा करने वाले विक्रेता व्यापारी के खिलाफ कार्रवाई की जाए। क्रेता व्यापारी जिसने टैक्स विक्रेता व्यापारी को भुगतान कर दिया है, ऐसे क्रेता व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई न कि जाए। यह उत्पीड़न होगा।