क्यों 80 करोड़ ठिकाने लगाने पर क्यों उतारू हैं मेडा अफसर,
गढ़ रोड पर प्रस्तावित है मैट्रो रेल व गांधी आश्रम चौराहे से लेकर तेजगढ़ी चौराहे तक प्रस्तावित है 50 करोड़ की लागत से मॉडल रोड
कमिश्नर सुरेन्द्र कुमार सिंह ने एमडीए वीसी को दिए थे सोहराबगेट बस स्टैंड के लिए सात दिन में जगह तलाशने के आदेश
मेरठ शहर को यातायात से मुक्त कराने के लिए पूर्ववर्ती कमिश्नर/मेडा अध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार सिंह व आईजी प्रवीण कुमार के गढ रोड शोहराब गेट बस स्टैंड को शहर से बाहर करने के आदेश दूसरी ओर वहां करीब 80 करोड़ की लागत से 9 मंजिला सोहराब गेट बस स्टैंड बनाने मेडा का प्रस्ताव आने के बाद सवाल पूछा जा रहा है कि एक तो अफसर शहर को जान से मुक्त कराने के लिए भैंसाली व सोहराब गेट बस स्टैंड को आबादी से बाहर करने की बात कर रहे हैं, दूसरी ओर मेरठ विकास प्राधिकरण अफसर करीब 80 करोड़ की लागत से बहु मंजिला बस स्टैंड बनाने का प्रस्ताव लेकर आ गए हैं। यदि पूर्ववती कमिश्नर/मेडा अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह के सोहराब गेट बस स्टैंड को जाम की समस्या के मद्देनजर आबादी से बाहर करने के आदेश सही तो फिर 80 करोड़ की लागत लगाकर 9 मंजिला बस स्टैैंड बनाने की क्या तुक है।
यह रहे थे मौजूद
10 अगस्त 2021 को तत्कालीन कमिश्नर की अध्यक्षता में हुई बैठक का मुख्य बिंदु शहर को जाम से मुक्त कराने के उपायों को तलाशना। उक्त बैठक में आईजी प्रवीण कुमार, तत्कालीन डीएम के.बालाजी, एसएसपी प्रभाकर चौधरी मेडा के वीसी मृदुल चौधरी, नगरायुक्त मनीष बंसल, एडीएम सिटी अजय कुमार तिवारी, मेडा सचिव प्रवीणा अग्रवाल, एसपी यातायात जितेन्द्र श्रीवास्तव के अलावा, आरटीओ, पीडब्लूडी, आवास विकास परिषद, सेतु निगम आदि विभागों के अफसर मौजूद रहे। बैठक में तय किया गया कि भैंसाली बस स्टैंड व सोहराब गेट बस स्टैंड शहर से बाहर किए जाएं। ये जाम के कारण हैं। तत्कालीन मेडा वीसी को सात दिन के भीतर बस स्टैंड के लिए जगह तलाशने के आदेश कमिश्नर ने दिए थे।
मेडा का प्रस्ताव
एडवोकेट विपुल सिंहल ने जानकारी दी है कि पूर्ववती कमिश्नर के आदेश के उलट अब मेडा ने 17830 वर्ग मीटर गढ़ रोड स्थित सोहराब गेट बस अड्डे की भूमि जिसकी अनुमानित लागत 128 करोड़ है उस पर आधुनिक बस अड्डा बनाया जाना तय किया गया है। यह आधुनिक बस अड्डा 80 करोड़ की लागत से बनेगा तथा 9 मंजिला होगा। वर्तमान में इस बस अड्डे के बेड़े में लगभग 100 सीएनजी बसें, निगम की 166 और 54 अनुबंधित बसों समेत 220 बसें शामिल है जो गोरखपुर, लखनऊ, कानपुर, आगरा ,ग्वालियर, इटावा प्रयागराज ,आजमगढ़ ,अयोध्या धाम ,हरिद्वार ,नैनीताल ,हल्द्वानी आदि प्रमुख शहरों के लिए 500 से अधिक बसें संचालित प्रतिदिन होती हैं । इस भूमि पर 80 करोड़ की लागत से बस अड्डे की भूमि पर मल्टीप्लेक्स का निर्माण किया जाएगा, जिसमें सबसे नीचे बसों का संचालन किया जाएगा, पहली मंजिल पर यात्रियों की सुविधा और मनोरंजन के इंतजाम किए जाएंगे तथा बाकी मंजिलों में होटल, शॉपिंग मॉल , केसीनो रेस्टोरेंट ,मल्टीप्लेक्स बनाए जाएंगे । अक्टूबर 2021 में मेरठ मंडल के तत्कालीन मंडलायुक्त सुरेंद्र सिंह की अध्यक्षता में उनके कैंप कार्यालय पर एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें जाम के झाम से निजात पाने के लिए चर्चा की गयी थी।
उच्च स्तरीय बैठक में मौजूद तत्कालीन डीएम के बालाजी, एसपी प्रभाकर सिंह ,नगर आयुक्त मनीष बंसल, एमडीए वीसी मृदुल चौधरी, एडीएम सिटी अजय कुमार तिवारी, एम डी ए सचिव प्रवीण अग्रवाल ,एसपी ट्रैफिक जितेंद्र श्रीवास्तव ,आरटीओ मेरठ, आर एम रोडवेज ,आवास विकास, पीडब्लूडी एवं सेतु निगम के अधिकारी शामिल रहे। बैठक में ट्रैफिक सुधार को लेकर गहन मंथन हुआ तथा पिछली बैठकों पर चर्चा की गई। तत्कालीन मंडलायुक्त सुरेंद्र सिंह जी ने पाया कि भैंसाली और सोहराब गेट बस अड्डे को अपने स्थल से स्थांतरित कर शहर से बाहर किया जाए। बस अड्डे को बाहर करने के लिए भूमि चिन्हित करने हेतु सात दिन का समय अधिकारियों को दिया गया। 1 सितंबर 2021 के प्रकाशन के बाद कमिश्नर को अंधेरे में रखकर 80 करोड़ की बबार्दी करने जा रहे हैं। इस मामले को लेकर एडवोकेट विपुल सिंहल ने शीघ्र ही पूरे प्रकरण के साथ कमिश्नर से मिलने की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि निर्वाचित विधायक, सांसद , व्यापारिक संगठनों को आगे आकर इसका विरोध करना चाहिए ताकि पब्लिक के पैसे की बर्बादी ना हो और गढ़ रोड पर जाम से मुक्ति मिल सके।