ये है गैर भाजपा घमासान

भीम-मीम बिन सब सून
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ये है गैर भाजपा घमासान, नगर निगम मेरठ के मेयर पद के प्रत्याशी के नाम को लेकर बैठकों को सिलसिला शुरू हो गया है। भाजपा एक बैठक मंगलवार की दोपहर को होने  जा रही है। इसमें स्क्रिनिंग कमेटी शुरूआती चर्चा करने जा रही है। वहीं दूसरी ओर गैर भाजपाई दलों ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं। कांग्रेस की यदि बात की जाए तो यूं तो सात नाम सामने आए हैं। इन सात में धूम सिंह गुर्जर जो खरखौदा से चुनाव लड़ चुके हैं। उनके अलावा महेन्द्र गुर्जर, कांग्रेस की ब्राह्मण लावी की ओर से पैरवी किए जा रहे सुरेन्द्र सैनी, नौशाद सैफी, इरफान सैफी, प्रदीप सैनी व संशय कुमार शामिल हैं। इनके अलावा प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष यूसुफ कुरैशी के पुत्र शहजाद यूसुफ और शहर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व प्रदेश महामंत्री नसीम कुरैशी की खासी चर्चा है। शहजाद कुरैशी के मुकाबले नसीम कुरैशी की दावेदारी व पैरवी अधिक बतायी जा रही है। इसके अलावा संगठन के जिलाध्यक्ष अवनीश काजला ने खुद के प्रत्याशी होने या चुनाव में मेयर का टिकट मांगने कीे बात को एक सिरे से खारिज कर दिया है। अनौपचारिक बातचीत में उन्होंने इस संवाददाता को बताया कि वह चुनाव नहीं लड़ रहे हैं न ही टिकट मांगा है। वह स्वयं चुनाव लड़ाएंगे। पार्टी की ओर से जिसका भी नाम फाइनल होगा उसको मजबूती से जिला संगठन चुनाव लड़ाएगा। उन्होंने बताया कि बुधवार को एक बैठक प्रदेश पदाधिकारियों के साथ होने जा रही है जहां तक अंतिम मोहर की बात है तो उस में अभी कुछ दिन लग सकते हैं। बुधवार को नसीमुददीन सिद्दीकी मेरठ आ रहे हैं। उनके साथ नामों पर चर्चा की जाएगी। वहीं दूसरी महानगर के वार्डोंं की यदि बात की जाए तो मंगलवार सुबह दस बजे तक तमाम वार्ड से कुल 49 आवदेन टिकट के लिए आए हैं। बसपा से केपी मावी व सपा से सीमा प्रधान व मनीषा अहलावत की चर्चा: कांग्रेस के इतर यदि बहुजन समाज पार्टी की बात की जाए तो मेयर पद के लिए केपी मावी के नाम की जोरशोर से चर्चा चल रही है। वहीं दूसरी ओर सपा रालोद गठबंधन की बात की जाए तो सरधना विधायक अतुल प्रधान की पत्नी सीमा प्रधान का नाम कार्यकर्ताओं की पहली पसंद बताया जा रहा है। सीमा प्रधान के अलावा मनीषा अहलवात का नाम भी लिया जाने लगा है। हालांकि भाजपाई चाहते हैं कि मनीषा अहलावत चुनावी मुकाबले में आएं। सीमा प्रधान की उम्मीदवारी भाजपाइयों को परेशान कर रही है। इस बीच सीमा प्रधान के गठबंधन के तहत नल के निशान पर चुनावी समर में उतरने की अटकलें लग रही हैं। ऐसा कर जाट व गुर्जर वोट बैंक को साधने का प्रयास है। इसके अलावा सीमा प्रधान के नाम पर मुसलमानों के सीमा प्रधान के नाम पर राजी होने की अटकलें लग रही हैं।

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