22Bसील-इस सजा में है मजा

22Bसील-इस सजा में है मजा
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22Bसील-इस सजा में है मजा, यानि एक बार फिर खेल- जिसकी उम्मीद नहीं की जा रही थी, होटल 22B को ट्रेड लाइेंस जारी करने वालों को वो करना पड़ गया। जानकार इसको सीबीआई के छापे का साइड इफैक्ट मान रहे हैं। शुक्रवार को मेरठ मेंं  कैंट बोर्ड ने पुलिस को साथ ले जाकर हाेटल 22B को सील कर दिया। लेकिन सील की कार्रवाई को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं कि जब पूरा होटल ही अवैध है तो पूरा होटल क्यों नहीं सील किया गया। केवल एक हाल पर सील लगाकर खानापूर्ति क्यों। या यह फिर यह मान लिया जाए कि रिजोर्ट के बाकि हिस्से को यूज की परमीशन दे दी गई। क्या फिर सब तय है। क्योंकि 22B रिजोट तो मेन गेट से ही शुरू होता है। कानून विशेषज्ञों की राय में होटल 22B के मेन गेट पर सील लगायी जानी चाहिए थी, लेकिन जितना भी कर दिया गया, उसकी उम्मीद भी किसी को नहीं थी। शुक्रवार को करीब दस बजे पुलिस के साथ लेकर कैंट बोर्ड के इंजीनियरिंग सेक्शन हेड एई पीयूष गौतम, सेनेट्री सेक्शन हेड वीके त्यागी के अलावा कई अन्य स्टाफ 22B पहुंचे। वहां पहले से पंकज जौली एंड टीम मौजूद थी। बोर्ड के अफसरों व पंकज जौली में बाातचीत होती है। उसके बाद 22B रिजॉट का एक हाल सील कर दिया जाता है। इस दौरान वहां बोर्ड के स्टाफ के अलावा भारी पुलिस बल तैनात रहता है। पंकज जौली की ओर से कोई विरोध नहीं किया जाता। क्या 22B को गिराया जाएगा, इस सवाल पर पंकज जौली बोलते हैं कि देखते हैं क्या किया जाता है। वहीं दूसरी ओर पीयूष गौतम  मीडिया के सामने नपी तुली प्रतिक्रिया देते हैं

हर जगह पीयूष गौतम: 22B काे जब ट्रेेड लाइसेंस दिया गया वहां भी पीयूष गौतम मिलीभगत सामने आयी थी, उन पर पैनल्टी भी लगी थी।  जब लाइसेंस कैंसिल किया गया था, उस कार्रवाई को भी पीयूष गौतम से जोड़कर देखा गया और अब जब सील को लेकर जहां सवाल कोई और नहीं बल्कि बोर्ड का स्टाफ उठा रहा है, आखिर आधी अधूरी सिलिंग क्यों

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