25 लाख छोड़ चुके हैं भारतीय नागरिकता

kabir Sharma
4 Min Read
WhatsApp Channel Join Now

विकसित भारत के दावों का स्याह सच, मोदी सरकार के आने के बाद बाद बढ़ा ट्रेड, माहौल को बताया जा रहा है जिम्मेदार

नई दिल्ली। साल 2014 के बाद से यानि जब से मोदी सरकार आयी है तब से पच्चीस लाख से ज्यादा लोग भारत की नागरिकता छोड़ चुके हैं। विदेश मंत्रालय के ये आंकड़े विकसित भारत का स्याह सच बताने को काफी हैं। भारतीयों के देश की नागरिकता को छोड़कर जाने के पीछे बड़ी वजह माहौल को बताया जा रहा है। लेकिन किसी भी लोकतांत्रिक देश के लिए उसके लोगों का देश की नागरिकता छोड़कर विदेशों में बस जाना दुनिया में अच्छा नहीं माना जाता और इसको सरकार की नीतियों की नाकामी करार दिया जाता है।

चिंताजनक हालात

मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद (2014 से अब तक) करीब 25 लाख से ज्यादा भारतीयों ने देश की नागरिकता त्याग दी है। विदेश मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 2014 से 2024 तक (पूर्ण वर्ष) कुल 24,75,000 से अधिक लोगों ने भारतीय पासपोर्ट को अलविदा कह दिया। 2025 के नवंबर तक यह संख्या और बढ़ चुकी है, जो ‘ब्रेन ड्रेन’ और ‘टैलेंट फ्लाइट’ की चेतावनी बजा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि बेहतर नौकरियां, शिक्षा और जीवन स्तर की चाहत इस ‘पलायन’ का मुख्य कारण है, लेकिन विपक्ष इसे ‘नीतिगत असफलता’ बता रहा है।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पिछले दिनों संसद में पेश किए गए आंकड़ों में बताया कि यह ट्रेंड 2011 से ही चल रहा था, लेकिन 2014 के बाद तेजी से बढ़ा। 2014 में ही 1,29,328 लोगों ने नागरिकता छोड़ी, जो मोदी सरकार के पहले पूर्ण वर्ष में एक संकेत था। उसके बाद आंकड़े लगातार ऊपर चढ़ते गए—2022 में रिकॉर्ड 2,25,620, 2023 में 2,16,219, और 2024 में 2,06,378। कुल मिलाकर, 2014 से 2024 तक का औसत सालाना लगभग 2.25 लाख रहा।

साल-दर-साल आंकड़े

नीचे दी गई तालिका में विदेश मंत्रालय (MEA) के आंकड़ों के आधार पर 2014 से 2024 तक की संख्या दी गई है। (स्रोत: MEA, लोकसभा/राज्यसभा डेटा, 2025 तक अपडेटेड)

- Advertisement -
वर्षनागरिकता त्यागने वालों की संख्या
20141,29,328
20151,31,489
20161,41,603
20171,33,049
20181,34,561
20191,44,017
202085,256 (कोविड प्रभावित)
20211,63,370
20222,25,620
20232,16,219
20242,06,378
कुल (2014-2024)15,11,890 (अनुमानित; 2025 में +9 लाख संभावित)
WhatsApp Group Join Now

*नोट: कुल 25 लाख+ का अनुमान 2011-2024 के MEA डेटा से लिया गया है, लेकिन मोदी दौर (2014+) पर फोकस करते हुए। 2025 के आंकड़े अभी अधूरे हैं, लेकिन पिछले ट्रेंड से 1.5-2 लाख अतिरिक्त अनुमानित। पर्यावरण कार्यकर्ता और पूर्व IAS अधिकारी हर्ष मंदर ने कहा, “ये आंकड़े विकास के दावों पर सवाल उठाते हैं। युवा पीढ़ी को लग रहा है कि भारत में ‘ग्लोबल लेवल’ की सुविधाएं नहीं। सरकार को रिटेंशन पॉलिसी पर फोकस करना चाहिए।”

‘मोदी के सपनों का सच’

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट किया, “2014 से 25 लाख+ भारतीय भागे—क्योंकि ‘अमित शाह के भारत’ में अवसर कम, असुरक्षा ज्यादा। CAA-NRC ने डर फैलाया।” वहीं, AAP के राघव चड्ढा ने संसद में सवाल उठाया: “क्या सरकार ‘ब्रेन ड्रेन’ का आकलन कर रही है? देश को कितना नुकसान?” सरकार का जवाब: “कारण व्यक्तिगत हैं, लेकिन हम OCI को मजबूत कर रहे हैं।” विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, “हम 135 देशों से डेटा ट्रैक कर रहे हैं। 2025 में EVS (इमरजेंसी वीजा सर्विस) को और तेज करेंगे ताकि NRIs आसानी से लौट सकें। लेकिन स्थायी समाधान—स्किल इंडिया और जॉब क्रिएशन में है।”

WhatsApp Channel Join Now
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *