वक्फ कानून के विरोध में बांधी थी काली पट्टियां, उतरवाने की कोशिश में हंगामा, बोले संविधान शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की देता है इजाजत
मेरठ/ शहर कोतवाली की जामा मस्जिद में जुम्मा अलविदा की नमाज को बड़ी संख्या में रोजेदार बांह पर काली पट्टी बांधकर पहुंचे थे। बड़Þी संख्या में काली पट्टी बांधकर आते हुए लोगों को वहां मौजूद अर्धसैनिक बलों के जवानों ने जब रोक कर बांह पर बंधी काली पट्टी खोलने का प्रयास किया तो वहां हंगामा हो गया। हंगामे की सूचना जैसे ही मिली अफसरों में हड़कंप मच गया।
वहीं दूसरी ओर जो लोग काली पट्टी बांधकर जामा मस्जिद पहुंचे थे उनका तर्क था कि शांति पूर्वक प्रदर्शन की इजाजत उन्हें देश का संविधान देता है। संविधान से बड़ा किसी सरकार या अफसर का फरमान नहीं हो सकता। मामला गरमाता देखकर बाद में काली पट्टी हटवाने का प्रयास कर रहे अर्धसैनिक बलों के जवान पीछे हटा गए। वहां मौजूद कोतवाली थाना पुलिस के स्टाफ ने उन्हें रोक दिया। जुम्मे की नमाज के लिए बड़ी संख्या में पूरे शहर से रोजदार शुक्रवार को कोतवाली की जामा मस्जिद पहुंचे थे। ज्यादातर ने काली पट्टियां बांधी हुई थीं। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो सका कि जुम्मे की नमाज के बाद हुई तकरीर में क्या क्या चर्चा हुई। उसमें वक्फ संपत्तियों को लेकर क्या कुछ बोला गया। याद रहे कि वक्त संपत्तियों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार की ओर से लाए गए कानून का देश भर में मुसलमान विरोध कर रहे हैं, जबकि तमाम हिन्दू संगठन व खुद भाजपाई इसके समर्थन में उतर आए हैं, लेकिन एनडीए के कुछ सहयोगी दल इस कानून को लेकर भाजपाइयों व मोदी सरकार से इत्तेफाक नहीं रखते।

