एकाएक बैकफुट पर, “राहुल के सबूतों से घबराहट में ये चिट्ठी, कुछ को लेकर तो बेहद गंभीर आरोप
नई दिल्ली। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को पत्र लिखकर घेरने का प्रयासक रने वाले अब मुसीबत में है। सोशल मीडिया पर उनकी बुरी तरह से पोल खुल गयी है। इनको भाजपा का प्रोपेगेंडा चलाने और भजपा की टीम B का आरोप लगा रहा है। आरोप लगाने वाले ठोस सबूत भी पेश कर रहे हैं। यह मामला अब 272 के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। इनमें से कुछ को लेकर तो बेहद गंभीर आरोप हैं, हेरानी तो इस बात की है कि जिन पर आरोप हैं वो सफाई देने सामने आने के बजाए सवालों से भगा रहे हैं। कांग्रेस ने इसे ‘संघी साजिश’ बता दिया। सुप्रिया श्रीनेत बोलीं, “ये लोग विश्वसनीय नहीं। RSS-BJP के पिट्ठू बनकर संस्थाओं का ढोंग कर रहे।” हितेंद्र पिथाडिया ने कहा, “राहुल के सबूतों से घबराहट में ये चिट्ठी!” अभी तक राहुल की ओर से कोई आधिकारिक जवाब नहीं, लेकिन पार्टी सूत्रों का कहना है – “जवाब एक्शन में होगा, कोर्ट में सबूत पेश करेंगे।”
हमले के बाद बैंकफुट पर
चिट्टी के बाद तमाम लोगों ने 272 गैंग पर हमला बोला है, जिसके बाद ये सभी बैकफुट पर हैं। । कांग्रेस की अलका लांबा ने इनकाे भाजपा की टीम B करार दिया है। ज्यादातर हस्ताक्षरकर्ता विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन (VIF), इंडिया फाउंडेशन और अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद जैसे RSS-समर्थित थिंक टैंकों से जुड़े हैं। उदाहरण? पूर्व राजदूत प्रभात शुक्ला और अनिल त्रिगुणायत VIF के चेयरमैन रहे, जो BJP की नीतियों का ‘इंटरनेशनल PR’ करता है। मेजर जनरल ध्रुव काटोच इंडिया फाउंडेशन से – यही वो जगह जहां ‘हिंदुत्व’ और ‘राष्ट्रवाद’ का कॉकटेल मिलता है। जस्टिस हेमंत गुप्ता VHP (विश्व हिंदू परिषद) के कार्यक्रमों में सक्रिय। जस्टिस गोयल RSS की अधिवक्ता परिषद से – ये वो संगठन हैं जो CAA-NRC जैसे मुद्दों पर सड़कों पर उतरते हैं। X पर वायरल हो रहा है IPS राम नारायण सिंह का नाम। 2022 में इनके घर IT का छापा पड़ा, नकदी-जेवरात का ढेर निकला। अब ये 272 में शामिल – संयोग? या दबाव? एक यूजर ने लिखा, “राहुल के ‘वोट चोरी’ खुलासे से डर गए, तो चिट्ठी लिख दी!”पूर्व केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “राहुल अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए झूठ बोलते हैं।” लेकिन कांग्रेस नेता उदित राज ने पलटवार किया, “ये 272 मनुवादी साजिश का हिस्सा हैं। ECI पर सवाल उठाना तो ठीक, लेकिन इनकी चुप्पी CAA, किसान आंदोलन पर क्यों?”
नसीहत राहुल या फिर मोदी काे
कांग्रेस ने तो सीधे इन्हें ‘संघी इकोसिस्टम’ का हिस्सा करार दे दिया है। सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़ आ गई है – एक यूजर ने लिखा, “272 लोग राहुल को नसीहत दे रहे हैं, लेकिन इनकी नसीहत ही ‘मोदी जी की’ लग रही है!”
इन्होंने है लिखी चिट्टी
- 16 पूर्व न्यायाधीश (जैसे जस्टिस आदर्श कुमार गोयल, जस्टिस हेमंत गुप्ता)
- 123 पूर्व नौकरशाह (जिनमें 14 पूर्व राजदूत शामिल, जैसे प्रभात शुक्ला, अनिल त्रिगुणायत)
- 133 पूर्व सैन्य अधिकारी (जैसे मेजर जनरल ध्रुव काटोच)